शनिवार, 1 दिसंबर 2012

बुन्देली राजनीति






सांसद बोले सागर में खोलें क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र

बुंदेलखंड की आत्मा से परिचित नहीं है केन्द्र

सागर।  सांसद भूपेन्द्र सिंह ने केन्द्रीय संस्कृति मंत्री को पत्र लिखकर बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर में क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना करने की मांग की है। इस संबंध में लोकसभा में किए गए प्रश्र का हवाला देते हुए सांसद श्री सिंह ने कहा है कि इलाहाबाद और नागपुर स्थित क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र बुंदेलखंड की आत्मा से परिचित नहीं है और उनका पूरा फोकस मात्र खजुराहो पर सिमटकर रह गया है।

      केन्द्रीय संस्कृति मंत्री श्रीमती चन्द्रेश कुमारी को लिखे पत्र में सांसद भूपेन्द्र सिंह ने बताया है कि लोकसभा में उनके द्वारा पूछे गए प्रश्र के उत्तर में खुलासा हुआ है कि मध्यप्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र उत्तर मध्य सांस्कृतिक केन्द्र इलाहाबाद और दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केन्द्र नागपुर के अधिकार क्षेत्र में आता है।

     इन दोनों केन्द्रों ने वर्ष 2009-10 तथा 2010-11 में मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में चारों सांस्कृतिक कार्यक्रम सिर्फ खजुराहों मे ही किए हैं। वर्ष 2011-12 में किए गए 30 में से 23 कार्यक्रम खजुराहों में सम्पन्न किए गए हैं। इसी तरह चालू वर्ष 2012-13 में बुंदेलखंड के नाम पर उक्त दोनों केन्द्रों के कार्यक्रमों का पूरा फोकस खजुराहो पर ही है। सांसद ने पत्र में लिखा है कि क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों का उद्देश्य लोक कलाओं का संरक्षण और पोषण, स्थापित कलाकारों के कार्यक्रम आयोजित कर लोगों में कला विशेष का प्रदर्शन करना तथा युवा कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए मंच प्रदान करना भी है। लेकिन इलाहाबाद और नागपुर से संचालित उक्त केन्द्रों का पूरा फोकस खजुराहो पर केन्द्रित होने से लगता है कि यह केन्द्र बुंदेलखंड की आत्मा से परिचित नहीं हैं।

    जबकि मध्यप्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र बहुत बड़े भू-भाग में फैला हुआ है। जिसमें लोक कलाओं की अनुपम विरासत है और सतरंगी बहार देखने को मिलती है। सांसद भूपेन्द्र सिंह ने पत्र में लिखा है कि बुंदेलखंड में अपना क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र नहीं है। जबकि बुंदेलखंड की अनेक लोक कलाएँ विलुप्त हो चुकी हैं और होती जा रही हैं। साथ ही यहाँ के अनेकों प्रतिभावान कलाकारों को अपने प्रदर्शन के लिए कोई स्थापित मंच नहीं मिल रहा। उक्त तर्कों के साथ सांसद ने केन्द्रीय संस्कृति मंत्री से पुरजोर मांग की है कि सागर में क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना की जावे।



एनजीओ को विदेशों से मिल रहे करोड़ों रूपए
सागर।  देश में 22 हजार से अधिक ऐसे एनजीओ हैं, जिन्हें विगत तीन वर्षों में करोड़ों रूपए की विदेशी मदद प्राप्त हुई है। इनमें 400 से अधिक एनजीओ मध्यप्रदेश के हैं। छिंदवाड़ा के एक एनजीओ सहित देश के दो दर्जन एनजीओ सीबीआई जाँच के घेरे में है और 10 एनजीओ के मामले राज्य पुलिस को सौंपे गए हैं। लोकसभा में यह जानकारी सांसद भूपेन्द्र सिंह के प्रश्र पर गृह मंत्री ने दी है। देश के गैर-सरकारी संगठनों को विदेशों से मिल रही मदद और विभिन्न अनियमितताओं अथवा अवैध गतिविधियों में लिप्त एनजीओ के विरूद्ध चल रही जाँच के संबंध में सांसद भूपेन्द्र सिंह ने लोकसभा में सवाल उठाए। जिनका विस्तृत जबाव देते  हुए गृह मंत्री ने बताया है कि वर्ष 2008-09 में देश के 23172 एनजीओ को कुल 10997.35 करोड़ रूपए, वर्ष 2009-10 में 22275 एनजीओ को 10431.12 करोड़ रूपए तथा 2010-11 में 22735 एनजीओ को 10334.12 करोड़ रूपए विदेशों से प्राप्त हुए हैं। वर्ष 2011-12 में प्राप्त विदेशी मदद का संकलन अभी किया जा रहा है। गृह मंत्री ने बताया कि वर्ष 2008-09 में 157 देशों ने, वर्ष 2009-10 में 161 देशों ने तथा वर्ष 2010-11 में 163 देशों ने भारत के एनजीओ को आर्थिक मदद की है।

मध्यप्रदेश के एनजीओ

गृह मंत्री ने बताया कि वर्ष 2008-09 में मध्यप्रदेश के 493 एनजीओ को विदेशों से कुल 168.26 करोड़ रूपए, वर्ष 2009-10 में 444 एनजीओ को 142.64 करोड़ रूपए तथा वर्ष 2010-11 में 458 एनजीओ को 145.27 करोड़ रूपए विदेशों से प्राप्त हुए हैं।

जाँच के दायरे में

सांसद भूपेन्द्र सिंह के प्रश्र पर गृह मंत्री ने बताया है कि जिन एनजीओ को जाँच पड़ताल हेतु केन्द्रीय जाँच ब्यूरो के पास भेजा गया है, उनमें छिंदवाड़ा के ‘‘एवन्जिलिकल लुथेरन चचर्स इन मध्यप्रदेश’’ सहित देश के 24 एनजीओ शामिल हैं। इसके अतिरिक्त कुल 10 मामले दिल्ली, तमिलनाडु, आंधप्रदेश, केरल, गुजरात और राजस्थान राज्य की पुलिस को सौंपे गए हैं। गृह मंत्री ने बताया कि सरकार देश में गैर-सरकारी संगठनों सहित किसी व्यक्ति द्वारा प्राप्त विदेशी अभिदाय की प्राप्ति एवं उपयोग की निगरानी करती है।

 इन पर है सीबीआई का घेरा

जिन गैर सरकारी संगठनों के विरूद्ध सीबीआई जाँच कर रही है उनमें कोयम्बटूर का तमिलनाडु, मुस्लिम मुनीत्र कजागम, रीच इन दी निलिरिस तलिमनाडु, अबुलकलाम आहजाद इस्लामिक इवेकनिंग सेंटर नई दिल्ली,ख्वाजा कुशल चेरीटेबल ट्रस्ट मुजफ्फरनगर, अरविंद खन्ना भूतपूर्व एमएलए पंजाब, अंशुमन हुरौमिया एजुकेशनल एसोसिएशन हैदराबाद, प्रगति ऑरफन होम आन्ध्रप्रदेश, अवेयर आन्धप्रदेश एण्ड प्राइवेट पर्सन, विश्व धर्मायतन ट्रस्ट नई दिल्ली, रत्नेश खण्डेलवाल एण्ड 9 अन्य मुंबई, प्रकाश सी भट्ट एण्ड 4 अन्य मुंबई, हरपावत चेरीटेबल ट्रस्ट उदयपुर, कलकत्ता अर्बन सर्विस कोलकत्ता, हेरीटेल फाउण्डेशन वाराणसी, धीचेन चोखोर कगयुपा मोन्सटरी देहरादून, अगापे हेल्पिंग मिनिस्टरीज आन्ध्रप्रदेश, आईजीईपी फाउण्डेशन नई दिल्ली, समस्त मुस्लिम खलीफा सुन्नतवाल जमात गुजरात, एवन्जिलिकल लुथेरन चचर्स इन मध्यप्रदेश छिंडवाड़ा, क्रिश्चन आउटरीच सेंटर आंध्रप्रदेश, क्रिश्चन आउटरीच मिनिस्टरीज आन्ध्रप्रदेश, तूतकोरिन डामोसीज एसोसिएशन तूतीकोरिन तथा रूरल अपलिपट सेंटर नागेर


समाजसेवी गरीबों की मदद करें: भूपेन्द्र  


सागर।  सांसद भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि हर एक समाज के लोगों का यह दायित्व है कि वे उस समाज के गरीब वर्ग के लोगों को आर्थिक सहयोग कर उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयास करें। सांसद ने यह बात भगवान सहस्त्रबाहू जयंती के अवसर पर कही। श्री सिंह ने कहा कि प्रत्येक समाज में गरीब लोग होते हैं। उनकी सेवाकरनाउन्हें शिक्षित करनाउन्हें समाज का जागरूक नागरिक बनानायह सभी समाज सेवियों का दायित्व है। उन्होनें कहा चौकसे समाज के सामुदायिक भवन के लिए सांसद निधि से दो लाख रूपये पिछली वार दिए थे। दो लाख रूपये और देने की घोषणा करते हैं। श्री सिंह ने कहा कि सामूदायिक भवन बनने से समाज के गरीब लोगों के शादी-विवाह हेतु यह भवन उपयोगी सिद्ध होगा। 

योजनाओं को पहुंचातीं हैं जनता तक 

सागर। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका ही शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं को सच्चे मायने में आम और गरीब जनता तक पहुंचातीं हैं। यह बात सांसद भूपेन्द्र सिंह ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में कही। श्री सिंह ने कहा कि यह बात सही है कि हमारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका बहनों के जितना मानदेय मिलता हैउससे अधिक ये लोग काम करतीं हैं। शासन की योजनाओं को आम लोगोंमहिलाओं तथा गरीब लोगों तक पहुंचाने का कार्य कर रहीं हैं। सांसद ने कार्यकर्ताओं की समस्याओं पर विचार करते हुए कहा कि उनका मानदेय केन्द्र सरकार और प्रदेश सरकार दोनों मिलकर देते हैं। हमने केन्द्र सरकार से मांग की है किआंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का मानदेय और बढ़ाया जाए। और सहायिका मौजूद थीं।

ईश्वर की आराधना में शांति 

सागर। सांसद भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि संसार में जितने भी भौतिक सुख होते हैं। उनसे कभी मन और आत्मा को शांति नहीं मिलती है। ईश्वर की आराधना करने पर मन और आत्मा को शांति मिलती है। यह उन्होंने देव ठाकुर बाबा मंदिर में दीपावली मिलन समारोह में कही।
श्री सिंह ने कहा कि धार्मिक स्थानों के लिए लोगों को दान-पुन्य करते रहना चाहिए। दान करने और परोपकार करने से ईश्वर उन लोगों को और संपन्न बनाता है। सांसद ने कहा कि कुछ भूमाफिया ने देव ठाकुर बाबा मंदिर की सम्पत्ति हड़पने का प्रयास किया था। मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी मेरे पास आए थे। हमसे जो सहयोग हो सका हमने किया और ठाकुर बाबा की कृपा से मंदिर की जमीन अब ठाकुर बाबा के नाम दर्ज हो गई है। धर्मिक स्थानों की सम्पति हड़पने वालों को ईश्वर कभी माफ नहीं करता है।

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