शनिवार, 12 जनवरी 2013

गोलमाल खेल महोत्सव


खेल महोत्सव की रूपरेखा से महापौर अनभिज्ञ

नगर निगम के खेल महोत्सव का समापन आज


शामिल होंगे नगरीय निकाय मंत्री गौर

मनोज शुक्ला

सागर नगर निगम के खेल महोत्सव का आज समापन होगा। लेकिन समापन के एक दिन पहले

तक महापौर श्रीमती अनीता अहिरवार इस बात से अनभिज्ञ है कि आयोजन पर कितनी राशि 

प्रतिदिन खर्च हो रही है। यही नहीं खेल महोत्सव के नाम पर पत्रकारवार्ता के दौरान 25 लाख के 

वजट उपलब्ध होने का दावा किया गया था। लेकिन इसके संयोजक राजबहादुर सिंह के पास 

महोत्सव के दौरान होने वाली गतिविधियों का कोई भी निर्धारित शेड्यूल नहीं था। इस प्रकार 25 


लाख की राशि बिना किसी पूर्व अनुमान अथवा विधिवत योजना बनाकर आरक्षित नहीं की गई थी। 

जिससे साफ  जाहिर है कि संयोजक सहित लेखापाल और आयुक्त भी इस तरह की गोलमाल 

योजना में शामिल हैं। यदि वे पाकसाफ होते तो खेल महोत्सव के आयोजन की विधिवत रूपरेखा 

तय करवाते और मदवार बजट राशि निर्धारित कराते।
 
सागर। नगर निगम के खेल महोत्सव में 25 लाख के बजट की उपलब्धता के साथ शुरूआत 6 जनवरी को हुई लेकिन महापौर श्रीमती अनीता अहिरवार को महोत्सव के संयोजक राजबहादुर सिंह ने अंधेरे में रखकर आयोजन की रूपरेखा बना ली। यही वजह है कि महापौर को आयोजन से संबंधित किसी भी प्रकार की व्यवस्थाओं की जानकारी नहीं है। जबकि महोत्सव के लिए बाकायदा महापौर परिषद की बैठक आयोजित की गई थी। इस प्रकार देखें तो महापौर का कहना की उन्हें जानकारी नहीं है संदिग्ध लगता है। इन विरोधाभाषी तथ्यों को देखकर तो यही कहा जा सकता है कि महापौर भाजपा पार्षदों की कठपुतली बनकर निगम में बैठी हैं। वे निगम द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में केवल मौनधारण करके स्वीकृति प्रदान कर देती हैं। बांकी हेरफेर और व्यवस्थाओं की कमान आयुक्त और लेखापाल संभाल लेते हैं। इसके अलावा प्रचार प्रसार और मीडिया में मैनेजमेंट का जिम्मा जनसंपर्क शाखा में कार्यरत अयोग्य कर्मियों के हवाले कर दिया जाता है।
गौरतलब है कि खेल महोत्सव के आयोजन में खेलों और खिलाडिय़ों की सुविधा की तुलना में प्रचार प्रसार पर जरूरत से ज्यादा राशि खर्च की गई है। हालांकि महापौर तो जानकारी देने में असमर्थ रहीं। लेकिन महोत्सव से जुड़े एक पार्षद ने दावा किया है कि करीब उदघाटन और समापन के दिन तक पांच से लेकर सात लाख रूपए की राशि केवल प्रचार प्रसार और साज-सजावट पर खर्च कर दी गई है। दूसरी ओर खिलाडिय़ों को ठीक तरीके से पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है। हालत यह है कि आज समापन होने वाला है फिर भी प्राथमिक उपचार किट खिलाडिय़ों के लिए उपलब्ध नहीं रही है। इसके अलावा पत्रकारवार्ता के दिन लगभग दस हजार रूपए की राशि पत्रकारों के खाना के नाम पर खर्च करना दर्शाया गया है। जबकि बामुश्किल इस दिन दिया जाने वाला खाना ढाई तीन हजार रूपए के आसपास का था। इसी प्रकार खेल में भाग लेने वाले खिलाडिय़ों की व्यवस्थाओं के नाम पर प्रतिदिन करीब 5 हजार रूपए की राशि खर्च करने का दावा भी निगम सूत्रों ने किया है। लेकिन यह राशि भी खर्च नहीं की गई है। इस तरह कुल मिलाकर उद्देश्य खेल और खेल प्रतिभाओं को निखारने की वजाय खेल संयोजक और भाजपा पार्षदों की जेबों को निखारने का रहा है।
खेल मैदानों की दुर्दशा
नगर निगम खेल महोत्सव के माध्यम से शहर की खेल प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करने का दावा करती है। जबकि नगर निगम द्वारा संचालित पदमाकर और म्यूनिसपल स्कूल के खेल मैदानों को निगम ने ही दुर्दशा का शिकार बना दिया है। जहां पदमाकर स्कूल में खेल मैदान के नाम पर अतिक्रमण सहित नाम मात्र का मैदान बचा है। वहीं पूर्व महापौर प्रदीप लारिया जिन्होंने खेल महोत्सव शुरू कराया था उन्हीं के कार्यकाल में म्यूनिसपल स्कूल के खेल मैदान पर सुलभ काम्पलेक्स का निर्माण करा दिया गया। रही सही कसर इसी मैदान पर दो प्राईमरी और माध्यमिक स्कूलों के भवन बनाकर पूरी कर दी। इसी मैदान पर पहले से ही मंदिर भी बने हुए हैं। फिल हाल की स्थिति में नगर निगम द्वारा हटाए गए अतिक्रमण वाले टपरे भी इसी मैदान में रखे हुए हैं। इस तरह खेल मैदान के प्रति ऐसे रवैया वाले लोगों का खेल प्रतिभा निखारने का दावा खोखला साबित हो रहा है। इसी प्रकार निगम की स्कूलों में प्रतिवर्ष विद्यार्थियों सहित शिक्षकों की कमी भी होती जा रही है। स्कूलों के पढ़ाई के स्तर में गिरावट आ रही है। लेकिन इस ओर निगम परिषद का कोई ध्यान नहीं है। म्यूनिसपल स्कूल का वर्षों पुराना हाल खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। निगम के नियमों के मुताबिक ही इस भवन की उम्र पूरी हो चुकी है। इसलिए जरूरी है कि इस भवन को फिर से गिराकर बनवाया जाए। लेकिन यहां भी निगम कई वर्षों से चूक कर रही है।
विकास में कोताही
नगर निगम विकास कार्यों में कोताही बरत रही है। पिछले दो वित्तीय वर्षों से निगम के 48 वार्डों में विकास कार्यों के लिए निर्धारित राशि जारी नहीं की गई है। जबकि प्रत्येक वार्ड के लिए चार लाख रूपए की राशि आवंटित की है। इस तरह वर्तमान में प्रत्येक वार्ड 8 लाख रूपए के विकास कार्य बाट जोह रहे हैं। पिछले दिनों यह मुद्दा परिषद की बैठक में भी सामने आया था। इसके बाद भी इस दिशा में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है। दूसरी ओर विधायक निधि से एक ही सडक़ के लिए दो दो बार राशि दी जा रही है। लेकिन सडक़ के लिए तो राशि जारी होती है फिर भी नालियों का निर्माण नहीं कराया जाता है। जिसकी वजह से सडक़ों पर पानी बहता रहता है और आए दिन दो पहिया वाहनों को निकलने में परेशानी होती है। इसी प्रकार अस्त-व्यस्त पाइप लाइनों को भी सडक़ बनाते समय व्यवस्थित नहीं किया जाता है। जिससे दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। फिल हाल भी हाथीखाना स्कूल तरफ जाने वाले मार्ग को विधायक निधि से एक बार फिर राशि उपलब्ध कराई गई है। लेकिन यहां पर भी निगम के उपयंत्रियों ने नाली का कोई प्रावधान नहीं किया है। जिसका वार्डवासी विरोध कर रहे हैें। लेकिन कार्यपालन यंत्री वार्डवासियों की बात नहीं सुनकर वे सलाह दे रहे हैं कि इस संबंध में विधायक से चर्चा करें। जबकि निगम इस सडक़ की निर्माण एजेंसी है और उसी ने इस सडक़ का नक्शा डिजाइन, लागत आदि कार्य किया है। इसलिए उनकी यह सलाह बेईमानी है।
नहीं मालूम उत्कृष्ट की परिभाषा
नगरीय निकाय मंत्री बाबूलाल गौर रविवार को मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास के तहत तिली अस्पताल मार्ग का भूमिपूजन करने आ रहे हैं। लेकिन महापौर अनीता अहिरवार को यह नहीं पता है कि इस सडक़ के लिए कितनी राशि प्राप्त हुई है। साथ ही वे इस बात से भी अनभिज्ञ हैं कि उत्कृष्ट सडक़ की परिभाषा क्या है। जागरण ने उनसे उत्कृष्ट सडक़ मापदंडों के संबंध में बातचीत की तो वे केवल यह बता सकीं कि अन्य सडक़ों से कुछ अलग होगी। लेकिन स्पष्ट तौर से उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें इस सडक़ के संबंध में पूरा व्यौरा नहीं पता है।
उल्लेखनीय है कि यह सडक़ पहले भी बनाई जा चुकी है। साथ ही इस सडक़ के घटिया निर्माण का तथ्य भी उजागर हो चुका है। अब पुन: इसी सडक़ निर्माण के लिए राशि ली गई है। लेकिन सडक़ बनाने के लिए निर्धारित है कि दोनों ओर चौड़ाई बढ़ाई जाए जिससे आवागमन में सुविधा हो सके। इसके अलावा इस मार्ग पर अधिकांश शादी घरों के कारण जाम की स्थिति हमेशा बनी रहती है। इन्हें भी व्यवस्थित करने की दिशा में निगम ने ध्यान नहीं दिया है। इस तरह महापौर का यह दावा भी सडक़ चौड़ी बनाई जाएगी। यह कहना गलत साबित हो रहा है क्योंकि सडक़ के एक तरफ तालाब है तो दूसरी ओर रहवासी और व्यवसायिक परिसर मौजूद हैं। इस तरह सडक़ चौड़ी होने का प्रश्न ही नहीं उठता है। इस लिए यह कहना गलत नहीं होगा कि मुख्यमंत्री अधोसंरचना निधि का इस सडक़ निर्माण पर व्यर्थ ही खर्च कराया जा रहा है।
निगम में जुआ-शराबखोरी
नगर निगम में यह तो सबको पता है कि यहां पर हर काम के लिए भ्रष्टाचार होता है। लेकिन शहर के लोगों को यह कम पता होगा कि इस परिसर में जुआ और शराबखोरी भी होती है। लोक निर्माण विभाग में कार्यरत एक उपयंत्री की शराबखोरी की वजह से उन्हें कोई भी काम नहीं सौंपा जा रहा था। वे सुबह से लेकर आफिस टाइम और बाद में शराब के नशे में डूबे रहते थे। इसलिए आयुक्त एसबी सिंह ने उनसे सभी प्रकार के प्रभार छीन लिए थे। हालांकि इन दिनों उनके पास काम की वापसी हो गई है। लेकिन आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि उपयंत्री कार्यालय में पदस्थ एक निचले स्तर के कर्मचारी की गारंटी पर उन्हें फिर से प्रभार सौंपा गया है। इसके अलावा खासतौर से राजस्व शाखा के कर्मचारी कुछ अर्से से बगैर काम के हैं। इसलिए ऐसे कर्मचारी परिसर में ही जुआ खेलकर अपना समय गुजार रहे हैं। जिसमें कभी कभार पार्षद और कर्मचारी नेता भी शामिल होकर ऐसी बुरी आदतों को प्रोत्साहित करते हैं। उल्लेखनीय है कि कुछ अर्से पहले एक पार्षद और एक कर्मचारी नेता के बीच शराबखोरी की वजह से ही मारपीट की नौबत आ गई थी। यही नहीं कर्मचारी नेता ने बाकायदा इस बात की शिकायत भी आयुक्त से की थी। इसके बाद भी जुआ और शराबखोरी का शिलसिला बंद नहीं हुआ है।
महापौर नहीं रखतीं मोबाइल
जागरण जब खेल महोत्सव के संबंध में महापौर से चर्चा करना चाही तब पता चला कि उनके पास मोबाइल नहीं रखती हैं हालांकि मोबाइल उनके पति हरप्रसाद जरूर रखते हैं और वे ही पूरी जांचपड़ताल करने के बाद अपनी महापौर पत्नी से बात कराने का निर्णय करते हैं। ऐसा ही वाक्या शनिवार को हुआ। पहले हरप्रसाद ने पूरी बात सुनी उसके बाद महापौर ने जागरण के प्रश्नों का उत्तर तो दिया लेकिन उनका कोई मतलब नहीं निकला क्योंकि उनके पास हर प्रश्न का केवल यही उत्तर था कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इस तरह वे महापौर की कुर्सी पर बैठकर कभी अपने पति कभी भाजपा पार्षदों और कभी भाजपा के नेताओं की कठपुतली बनकर काम करने में लगी हैं।  
 नगर निगम के भ्रष्टाचार का खुलासा
सागर। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चक्रेश सिंघई ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में पिछले तीन वर्षों के दौरान हो रहे भ्रष्टाचार का खुलासा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2009-10 और 2010-11 के दौरान आडिट आपत्तियों पर ध्यान नहीं दिया है। जिससे निगम की कैश बुक और बैंक बुक में करोड़ो रुपए की राशि का अंतर दर्ज है। यही नहीं इसी प्रकार निगम बजट की पांच प्रतिशत राशि संचित निधि के रूप में जमा की जानी थी। लेकिन यह राशि भी निगम ने जमा नहीं कराई है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010-11 में 62585338 रुपए जमा नहीं हुए हैं जो निगम अधिनियम की धारा का उल्लंघन है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि झील संरक्षण योजना के साथ नगर निगम खिलवाड़ कर रही है। केन्द्र सरकार द्वारा दी गई 21 करोड़ से अधिक राशि का अधिकांश बजट विज्ञापनों पर खर्च कर दिया गया। इस प्रकार लगभग साढ़े पांच करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी यह योजना आज करीब-करीब बंद पड़ी है। नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया है कि आदर्श सडक़ सहित निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर वे लोकायुक्त से शीघ्र ही शिकायत करेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाए कि शहर की स्कूलों में मानक स्तर का मध्यान्ह भोजन वितरित नहीं हो रहा है। गंदी बस्ती वालों के लिए निर्माणाधीन मकान घटिया दर्जे के हैं। साथ ही निगम की महत्वपूर्ण सीवरेज योजना अधर में लटकी है। केन्द्र ने इसके लिए 76 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई थी। लेकिन निगम और शासन की उदासीनता से यह लंबित है।

सामान्य ज्ञान प्रतियोगी


सामान्य ज्ञान प्रतियोगी  प्रति
युवाओं में दिखा उत्साह
राष्ट्र कवि डॉं. कुमार विश्वास आज
देगे अपने कविताओं की प्रस्तुति
सागर।  नगर विधायक षैलेन्द्र जैन द्वारा स्वामी विवेकानंद जी की 150वीं जयंती के अवसर पर सागर विधानसभा क्षेत्र में स्वामी विवेकानदं सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता नगर के आठ परीक्षा केन्द्रो पर सफलता पूर्वक सम्पन्न हुई जिसमें युवाओं ने इस परीक्षा के प्रति काफी उत्साह देखने को मिला। परीक्षार्थियों द्वारा बढ़चढ़कर परीक्षा में हिस्सा लिया। इस दौरान विधायक षैलेन्द्र जैन द्वारा प्रत्येक केन्द्र पर फ्लाईग स्कवाड कमेटी का गठन कर परीक्षा केन्द्रो का औचक निरीक्षण किया गया एवं स्वयं विधायक षैलेन्द्र जैन द्वारा पं. रविषंकर षुक्ल कन्या उ.मा. विद्यालय , षास.कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय तथा गर्ल्स डिग्री कॉलेज पहुॅचकर परीक्षा की जानकारी ली। इस दौरान छात्रों में स्वामी विवेकानंद के प्रति एक उत्साह दिखा। गर्ल्स डिग्री कॉलेज की एक छात्रा जागेष्वरी नेमा ने स्वामी विवेकानंद की वेषभूषा बनाकर परीक्षा में भाग लिया। विधायक षैलेन्द्र जैन ने बताया कि इस प्रतियोगी परीक्षा के परीक्षा परिणाम कल सायं 6 बजे कटरा पुलिस चौकी के बाजू वाले परिसर में राष्ट्र कवि डॉं. कुमार विष्वास के कार्यकम में घोषित किये जावेगे। नगर के आठों परीक्षा केन्द्रों पर लगभग 2500 विद्यार्थियों ने परीक्षा देकर अपनी योग्यता का परिचय दिया। जिनमे सर्वाधिक संख्या गर्ल्स डिग्री कॉलेज में छात्राओं की रही। जहंा बढ़ी संख्या में छात्राओं द्वारा परीक्षा में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी गई। इस अभूतपूर्व कार्य के लिए परीक्षा केन्द्र पर परीक्षा देने आये परीक्षार्थियों एवं उपस्थित षिक्षकों द्वारा विधायक षैलेन्द्र जैन की प्रषंसा करते हुए कहा कि इस परीक्षा के माध्यम से हमारा बौद्धिक विकास हुआ है और हम स्वामी विवेकानंद के विचारों से अवगत हुए है। इस परीक्षा के सफल संचालन हेतु प्रत्येक केन्द्र पर एक संचालन समिति का गठन किया गया। जिनके द्वारा स्थानीय षिक्षकों के सहयोग से परीक्षा सम्पन्न करायी गई। विधायक षैलेन्द्र जैन ने बताया कि षाम 6 बजे राष्ट्र कवि डॉं कुमार विष्वास अपनी राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत कविताओं का प्रस्तुतिकरण कटरा पुलिस चौकी के बाजू वाले मैदान में देगे। जिसमें बढ़ी संख्या में युवा वर्ग नगर के प्रबुद्ध नागरिकगण एवं षिक्षा जगत की हस्तियॉं उपस्थित रहेगी। जिनमे विधायक षैलेन्द्र जैन द्वारा षिक्षा जगत के क्षेत्र में कार्य करने वाले महत्वपूर्ण लोगो एवं संस्थानों को सम्मानित कर स्मृति चिन्ह भेज किया जावेगा और स्वामी विवेकानंद सामान्य ज्ञान प्रतियोंगी परीक्षा के विजेताओं को पुरूष्कार वितरण भी किया जावेगा। विषेष संचालन समिति में जगन्नाथ गुरैया, ष्याम तिवारी, डॉं. वीरेन्द्र पाठक, डॉं. राजू सेन एवं मूल्यांकन समिति के प्रभारी डॉं. आनंद गुप्ता षामिल थे।                                  
विेकास कार्यों का भूमिपूजन
सागर। म.प्र. शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्री .बाबूलाल गौर 13 जनवरी 2013 को नगर निगम स्टेडियम में खेल महोत्सव 2013 के समापन अवसर पर शामिल होंगे एवं नगर निगम द्वारा कराए जा रहे विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन करेंगे। नगरीय प्रशासन मंत्री प्रातः 11 से 12 बजे तक खेल महोत्सव के समापन कार्यक्रम में एवं मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना अंतर्गत जिला चिकित्सालय प्रथम गेट से तिली तिराहा तक उत्कृष्ठ रोड का भूमि पूजन सत्संग भवन के पास दोपहर 12ः50 पर करेंगे। एवं राधा टाकीज से डिंपल पेट्रोल पंप तक सी.सी.रोड तथा पाईप लाईन विस्तार कार्य एवं डा. राम मनोहर लोहिया की प्रतिमा स्थापना का भूमिपूजन  दोपहर 12ः 15 पर करेंगे करेंगे।
ज्ञापन सौंपा
सागर। सर्व समाज संगठन ने कर्रापुर ग्राम की समस्याओं को लेकर नायब तहसीलदार को 11 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष श्रीमती सरोज सिंह के नेतृत्व और बाबा स्वामी संतोषदास की अध्यक्षता में सौंपे ज्ञापन में पानी, शौंचालय, गरीबी रेखा, आगनवाड़ी केन्द्रों शासकीय अस्पताल, आवासहीनों को कुटीर, पट्टा बीड़ी मजदूरों की दर बढ़ाने, नालियों का निर्माण, सफाई, पेंशन बढ़ाने, तुसार का सर्वे कराने, 4 हेण्डपंप लगवाने उपरोक्त मांगें रखीं। जिस पर प्रशासन ने शीघ्र हल कराने का आश्वासन दिया।
नायब द्वारा सभी मांगों को हल कराने व लोक कल्याणकारी शिविर लगाने की घोषणा की। उपरोक्त मांगों को 1 फरवरी तक निराकरण न होने पर, सांकेतिक बाजार बंद, चक्काजाम, भूख हड़ताल व मानव श्रृंखला बनाकर आंदोलन किया जायेगा। ज्ञापन सौंपने वालों में मुन्नालाल तंतुवाय, गोविंद शर्मा, मुन्नालाल तिवारी, मनोहर सोनी, निरंजन अहिरवार, मोहन अहिरवार, बाबा संतोषदास, रोहित राजपूत, कल्याण सिंह, संतोष चौरसिया एडवोकेट, सुरेन्द्र उपसरपंच सहित महिलाएं, छात्र, मजदूर कृषक भी शामिल थे।
छह सडक़ मार्गों का निर्माण
अनुपूरक बजट में शामिल
सागर। लोक निर्माण मंत्री नागेन्द्र सिंह ने सांसद भूपेन्द्र सिंह के अनुरोध पर छह सडक़ मार्गों को द्वितीय अनुपूरक बजट 2012-13 में सम्मिलित कर लिया है।
सांसद श्री सिंह को भेजे पत्र में लोक निर्माण मंत्री नागेन्द्र सिंह ने सूचित किया है कि उनके द्वारा अनुशंसित बिलहरा-पनारी-चंदोनी मार्ग, किशनपुरा-मुगरयाऊ मार्ग, जैसीनगर-गेहुरास मार्ग, खुरई-सबजेल पहुंच मार्ग, केन्ट-पटकुई मार्ग तथा बड़ोदिया-धमोनी मार्ग को द्वितीय अनुपूरक बजट 2012-13 में सम्मिलित किया गया है।