शुक्रवार, 30 नवंबर 2012

सांस्कृतिक केन्द्र खोलें




संसद बोले सागर में खोलें क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र

बुंदेलखंड की आत्मा से परिचित नहीं है केन्द्र

सागर।  सांसद भूपेन्द्र सिंह ने केन्द्रीय संस्कृति मंत्री को पत्र लिखकर बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर में क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना करने की मांग की है। इस संबंध में लोकसभा में किए गए प्रश्र का हवाला देते हुए सांसद श्री सिंह ने कहा है कि इलाहाबाद और नागपुर स्थित क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र बुंदेलखंड की आत्मा से परिचित नहीं है और उनका पूरा फोकस मात्र खजुराहो पर सिमटकर रह गया है।

      केन्द्रीय संस्कृति मंत्री श्रीमती चन्द्रेश कुमारी को लिखे पत्र में सांसद भूपेन्द्र सिंह ने बताया है कि लोकसभा में उनके द्वारा पूछे गए प्रश्र के उत्तर में खुलासा हुआ है कि मध्यप्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र उत्तर मध्य सांस्कृतिक केन्द्र इलाहाबाद और दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केन्द्र नागपुर के अधिकार क्षेत्र में आता है।

     इन दोनों केन्द्रों ने वर्ष 2009-10 तथा 2010-11 में मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में चारों सांस्कृतिक कार्यक्रम सिर्फ खजुराहों मे ही किए हैं। वर्ष 2011-12 में किए गए 30 में से 23 कार्यक्रम खजुराहों में सम्पन्न किए गए हैं। इसी तरह चालू वर्ष 2012-13 में बुंदेलखंड के नाम पर उक्त दोनों केन्द्रों के कार्यक्रमों का पूरा फोकस खजुराहो पर ही है। सांसद ने पत्र में लिखा है कि क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों का उद्देश्य लोक कलाओं का संरक्षण और पोषण, स्थापित कलाकारों के कार्यक्रम आयोजित कर लोगों में कला विशेष का प्रदर्शन करना तथा युवा कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए मंच प्रदान करना भी है। लेकिन इलाहाबाद और नागपुर से संचालित उक्त केन्द्रों का पूरा फोकस खजुराहो पर केन्द्रित होने से लगता है कि यह केन्द्र बुंदेलखंड की आत्मा से परिचित नहीं हैं।

    जबकि मध्यप्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र बहुत बड़े भू-भाग में फैला हुआ है। जिसमें लोक कलाओं की अनुपम विरासत है और सतरंगी बहार देखने को मिलती है। सांसद भूपेन्द्र सिंह ने पत्र में लिखा है कि बुंदेलखंड में अपना क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र नहीं है। जबकि बुंदेलखंड की अनेक लोक कलाएँ विलुप्त हो चुकी हैं और होती जा रही हैं। साथ ही यहाँ के अनेकों प्रतिभावान कलाकारों को अपने प्रदर्शन के लिए कोई स्थापित मंच नहीं मिल रहा। उक्त तर्कों के साथ सांसद ने केन्द्रीय संस्कृति मंत्री से पुरजोर मांग की है कि सागर में क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना की जावे। 





आगमन


हैइंलि के डी.जी.एम आज सागर शहर में

 सागर /हैवल्स इंडिया लिमिटेड के डी.जी.एम  श्री राजेश जोशी का आज सागर शहर में नगर  आगमन हो रहा है  ।इस अवसर पर जानकारी देते हुए 

हैवल्सगेलेक्सी , सागर के संचालक  अलोक अग्रवाल ने बताया की श्री जोशीजी शाम को शहर के गणमान्य नागरिको एवं उद्योपतियों से भेटवार्ता करेंगे

मंगलवार, 27 नवंबर 2012

अंतयोदय मेला



 खेती को फायदे का धंधा बनाने के लिये
 सिंचाई को विशेष प्राथमिकता: मुख्यमंत्री

6 अरब के विकास कार्यों का लोकार्पण - शिलान्यास

महाविद्यालय खोलने की घोषणा

 विकास की सौगातें

     राजनगर विकासखण्ड में विभिन्न विकास कार्यों में कुल 62 करोड़ 58 लाख रूपये लागत राशि के 23 विकास कार्यों का शिलान्यास एवं 5 अरब 89 करोड़ 21 लाख रूपये लागत राशि के 51 विकास कार्यों का लोकार्पण शामिल हैं। । जिसके तहत जल संसाधन संभागनौगांव के अंतर्गत 2 करोड़ 87 लाख 51 हजार रूपये लागत राशि के 01 विकास कार्य का शिलान्यास एवं 05 अरब 70 करोड़ 61 लाख 01 हजार रूपये लागत राशि के 10 विकास कार्यों का लोकार्पण शामिल है। इसी तरह आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत 87 लाख रूपये लागत राशि के एक विकास कार्य का शिलान्यास एवं 01 करोड़ 40 लाख रूपये लागत राशि के एक विकास कार्य का लोकार्पणग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अंतर्गत 16 लाख 56 हजार रूपये लागत राशि के एक विकास कार्य का शिलान्यास एवं 3 करोड़ 67 लाख 99 हजार रूपये लागत राशि के 12 विकास कार्यों का लोकार्पणलोक निर्माण विभाग के अंतर्गत 14 करोड़ 11 लाख 14 हजार रूपये लागत राशि के 03 विकास कार्यों का शिलान्यास एवं 30 लाख रूपये लागत राशि के एक विकास कार्य का लोकार्पणजलग्रहण मिशन जिला पंचायत के अंतर्गत 39 लाख 61 हजार रूपये लागत राशि के 03 विकास कार्यों का शिलान्यासनगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अंतर्गत 18 करोड़ 32 लाख 25 हजार रूपये लागत राशि के 06 विकास कार्यों का शिलान्यास व 3 करोड़ 69 लाख 67 हजार रूपये लागत राशि के 19 विकास कार्यों का लोकार्पणसंभागीय परियोजना लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. सतना अंतर्गत 14 करोड़ 85 लाख रूपये लागत राशि के 05 विकास कार्यों का शिलान्यास व 5 करोड़ 16 लाख रूपये लागत राशि के 10 विकास कार्यों का लोकार्पणउर्जा विभाग के अंतर्गत 11 करोड़ 09 लाख रूपये लागत राशि के 03 विकास कार्यों का शिलान्यास तथा प्रधानमंत्री म0प्र0 ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण योजना के अंतर्गत 4 करोड़ 36 लाख 63 हजार रूपये लागत राशि के 4 विकास कार्यों का लोकार्पण शामिल है।



छतरपुर/मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा है कि सिंचाई के अभाव में खेती को फायदे का धंधा नहीं बनाया जा सकता है। इसलिये सरकार की पहली प्राथमिकता सिंचाई का रकबा बढ़ाना है। इसके लिये प्रदेश में अनेक सिंचाई परियोजनाओं का काम हाथ में लिया गया है तथा बुंदेलखण्ड क्षेत्र में लगभग 5 हजार करोड़ रूपये लागत की 200 सिंचाई परियोजनाओं पर कार्य जारी है। मुख्यमंत्री राजनगर में तहसील कार्यालय के सामने सत्ती का मैदान में बरियारपुर बायीं नहर सिंचाई परियोजना के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने करोड़ों रूपये के 73 अन्य विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। समारोह स्थल पर अंत्योदय मेला का भी आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ने राजनगर में आयोजित खण्डस्तरीय अंत्योदय मेले के दौरान 6 अरब 51 करोड़ 89 लाख 37 हजार रूपये लागत राशि के 74 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने अंत्योदय मेले के माध्यम से कुल 22 हजार 221 हितग्राहियों को 12 करोड़ 31 लाख 4 हजार रूपये राशि का लाभ पहुंचाया। लोकार्पित किये गये कार्यों में विशेषकर उन्होंने लगभग 550 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित बरियारपुर बाया नहर परियोजना का उद्घाटन किया। इससे जिले में 43 हजार 850 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी।
       मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खेती को लाभ का धंधा बनाये जाने के लिये किसानों को दिये जाने वाले कर्जों की ब्याज दर 18 प्रतिशत् से घटाकर शून्य प्रतिशत कर दी गयी है। केंद्र शासन द्वारा निर्धारित किये गये समर्थन मूल्य पर म0प्र0 सरकार ने 100 रूपये बोनस देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 से प्रदेश के प्रत्येक ग्राम में 24 घंटे बिजली उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि गरीबों सहित हर वर्ग के कल्याण के लिये शासन ने अनेकों योजनायें संचालित की हैं। शासन ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में छात्र-छात्राओं को पढ़ायी के लिये ऋण देने की योजना बनायी है। उन्होंने कहा कि इसके तहत ऋण लेने वाले छात्र-छात्राओं को बाद में सिर्फ मूल धन ही चुकाना होगा, ब्याज की राशि सरकार देगी। उन्होंने जनता से प्रदेश के विकास में भागीदार बनने का आव्हान किया। उन्होंने हाल ही में प्रारंभ सरदार वल्लभ भाई पटेल निःशुल्क दवा वितरण योजना के संबंध में कहा कि इसके तहत सभी वर्गों को निःशुल्क दवा प्रदान की जायेगी।        मुख्यमंत्री ने जिले के विस्थापित ग्राम डहर्रा में नल जल योजना प्रारंभ करने एवं प्राथमिक विद्यालय को माध्यमिक विद्यालय में उन्नयन करने तथा ग्राम पथरिया के प्राथमिक विद्यालय को माध्यमिक विद्यालय में उन्नयन करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नौगांव में इंजीनियरिंग महाविद्यालय तथा छतरपुर में विश्वविद्यालय खुलवाने का प्रयास किये जा रहे हैं।
     मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर संभागायुक्त  आर के माथुर के प्रयास से टीम बुंदेलखण्ड के कान्सेप्ट पर आधारित पहल पत्रिका एवं न्यू राष्ट्र भ्रमण समाचार पत्र द्वारा बेटी बचाओ अभियान पर केंद्रत उड़ान पत्रिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कन्याओं के पैर पूजन कर बेटी वाले दम्पत्तियों को सम्मानित किया एवं बालिकाओं को एनएससी वितरित की। समारोह में जल संसाधन मंत्री जयंत मलैया, कृषि मंत्री डॉ. राम कृष्ण कुसमरिया, अनुसूचित जाति एवं आदिम जाति कल्याण राज्य मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री हरिशंकर खटीक, क्षेत्रीय सांसद जीतेंद्र सिंह बुंदेला, विधायक कुंवर विक्रम सिंह नातीराजा, श्रीमती ललिता यादव, श्रीमती रेखा यादव, श्रीमती आशा रानी सिंह एवं मानवेंद्र सिंह भंवर राजा, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. घासीराम पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधि, संभागायुक्त आर के माथुर, पुलिस महानिरीक्षक पंकज श्रीवास्तव, कलेक्टर राजेश बहुगुणा, पुलिस अधीक्षक ए शियास, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती भावना वालिम्बे, अपर कलेक्टर जे के श्रीवास्तव सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी एवं बड़ी संख्या में लाभांवित हो रहे हितग्राही तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।





स्मृति


मुख्यमंत्री षिवराज सिंह ने टीकमगढ में भाजपा नेता                           स्वर्गीय सुनील नायक की स्मृति में आयोजित  कार्यक्रम में हिस्सा लिया

सांसद बुंदेली के सवाल

सांसद भूपेन्द्र सिंह के सवाल पर  केन्द्र ने बताई मजबूरी
सागर।  राष्ट्रीय राजमार्गों के अनुरक्षण और मरम्मत के लिए राज्य सरकारों की पूर्वानुमानित अपेक्षा के अनुरूप पर्याप्त निधि आवंटित कर पाना इसलिए संभव नहीं हो पाता, क्योंकि वित्त मंत्रालय मात्र 40 प्रतिशत राशि ही उपलब्ध कराता है। यह जानकारी लोकसभा में सांसद भूपेन्द्र सिंह के प्रश्न पर सडक़ परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग राज्यमंत्री ने दी है। सांसद भूपेन्द्र सिंह के प्रश्र पर राज्यमंत्री सर्वे सत्यनारायण ने जबाव दिया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों के अनुरक्षण के लिए मध्यप्रदेश राज्य सरकार से विगत तीन वर्षों सहित चालू वर्ष में कुल 86 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। राज्यमंत्री के मुताबिक, राष्ट्रीय राजमार्गों के अनुरक्षण और मरम्मत के लिए इस मंत्रालय को वित्त मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली निधि वास्तविक आवश्यकता की लगभग 40 प्रतिशत होती है। तदनुसार मानदंडों के अनुसार राज्य सरकारों द्वारा पूर्वानुमानित अपेक्षा के अनुरूप और मरम्मत के लिए पर्याप्त निधि आवंटित किया जाना संभव नहीं होता। राज्यमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 26 के कुछ भागों में मरम्मत कार्य चल रहा है और वह अप्रैल 2013 तक पूरा किया जाना नियत है।  

इसलिए प्रदूषित है सागर झील

लोकसभा में सांसद भूपेन्द्र सिंह के प्रश्र पर पर्यावरण एवं वन मंत्री श्रीमती जयंती नटराजन ने बताया है कि सागर की लाखा-बंजारा झील के केचमेंट में विभिन्न स्थल और गैर स्थल स्त्रोतों के कारण प्रदूषित होने की सूचना मिली थी। वहाँ कोई सीवेज प्रणाली न होने के कारण सटे हुए आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों से अपशिष्ट जल खुले नालों से होकर जल निकाय में प्रवेश करता है। श्रीमती नटराजन ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के आधार पर मंत्रालय ने राष्ट्रीय झील संरक्षण के अधीन 21.33 करोड़ की परियोजना मंजूर की थी। जिसके कार्यान्वयन हेतु 4 करोड़ की राशि जारी की जा चुकी है। पिछले तीन वर्षों के दौरान परियोजना पर 1.08 करोड़ रूपए व्यय हुआ है।

सेना में टाट्रा ट्रक घोंटाला

सांसद भूपेन्द्र सिंह के प्रश्र पर रक्षा मंत्री एके एन्टोनी ने बताया कि सरकार ने टाट्रा ट्रक की खरीद में हुई कथित अनियमितताओं का संज्ञान लिया है। केन्द्रीय जाँच ब्यूरो से टाट्रा ट्रक की खरीद में हुई कथित अनियमितताओं की जाँच करने का अनुरोध किया गया है। ब्यूरो ने कंपनी के एक मालिक और रक्षा मंत्रालय, बीईएमएल लिमिटेड के अज्ञात कार्मिकों तथा टाट्रा सिपॉक्स यूके लिमिटेड के अज्ञात लोगों के विरूद्ध मामला दर्ज किया है।

रविवार, 25 नवंबर 2012

लोकार्पण

श्री झूलेलाल उद्यान का लोकार्पण विधान सभा अध्यक्ष ने किया

विशेषांक का विमोचन


अपने अतीत को गौरव के साथ याद रखें : गोविंद

सागर। बुन्देलखंड के प्रसिद्ध मजदूर नेता और सागर नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष डा. लक्ष्मीनारायण सिलाकारी की पुण्यतिथी पर सरस्वती वाचनालय ट्रस्ट के सहयोग से वाचनालय सभाकक्ष में उनकी पुण्यतिथि मनाई गई। इस दौरान डा. सिलाकारी पर केन्द्रित विशेषांक का विमोचन भी हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि इस कार्यक्रम में आकर उन्हें काफी खुशी मिली है।

 हम बड़े उद्योगपतियों, नेताओं की तो पुण्यतिथि मनाते हैं लेकिन यहां एक मजदूर नेता जिसने पूरा जीवन मजदूरों की भलाई में लगा दिया उसे याद करने एकत्रित हुए हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वाचनालय ट्रस्ट के अध्यक्ष केके सिलाकरी ने कहा कि वह केवल मजदूर नेता ही बल्कि श्रेष्ठ चिकित्सक, साहित्यकार, संगीतकार और रंगकर्मी भी थे। कार्यक्रम की शुरूआत में अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा एवं डा. सिलाकारी के चित्र के समक्ष द्वीप प्रज्जवलन और माल्यार्पण कर पूर्व निगमायुक्त महेन्द्र राय ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। स्वागत उद्बोधन देते हुए वाचनालय ट्रस्ट के सचिव सुखदेव प्रसाद तिवारी ने कहा कि डाक्टर साहब जब तक रहे वह सागर की पहचान थे। मेरे अनुसार वह मन से साहित्यकार थे, राजनेता या मजदूर नेता बाद में। पूर्व मंत्री सुरेन्द्र चौधरी ने कहा कि वह मेरे आदर्श रहे जिन्होंने यह स्थापित किया कि बिना पैसे के भी समाजसेवा और राजनीति की जा सकती है। पूर्व शिक्षक वीरेन्द्र सिंह तोमर ने उन्हें सागर का लोहिया निरूपित किया। जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने कहा कि बचपन में उनके गांव का मुकद्दम मजदूर नेता डा. सिलाकारी की चर्चा करते थे कार्यक्रम का संचालन विशेषांक के अतिथि संपादक डा. राकेश शर्मा ने किया। आभार मधुसूदन सिलाकारी ने माना।

रविवार, 18 नवंबर 2012

उपेक्षा


बुंदेलखंड पैकेज में १४ करोड़ खर्च फिर भी नहीं बन सकें डेम

सागरपिछले तीन वर्षों के दौरान 68 में से 40 स्टॉप डेम अभी भी नहीं बन पाए है। महज 28 स्टॉप डेम ही बन सके हैं। स्टॉप डेम बना कर बहने वाले पानी को रोकने की कोशिश तीन साल बाद भी अधूरी है।

 जबकि पैकेज के 31 करोड़ रुपए फंसे हैं। शेष 40 स्टॉप डेम कब बनेंगे ग्रामीण यांत्रिकी सेवा से जुड़े अफसर बताने की स्थिति में नहीं हैं। लगभग दर्जन भर ठेकेदार  जो निर्माण  जुड़े है उनमें स्वतंत्र ग्रुप नेहानगर, सीबीएस कंस्ट्रक्शन कंपनी, मातोश्री कंस्ट्रक्शन कंपनी, महाराजा एसोसिएट, मनोज सिंघई खुरई, बसंत कुमार मिश्रा, जिनेंद्र कुमार जैन, पवन देव कंस्ट्रक्शन कंपनी, सांवरिया कंस्ट्रक्शन शामिल है। लेकिन इन ठेकेदारों से अफसर से साँठ-गांठ है,इसलिए इनके खिलाफ वे कुछ बोलने से कतराते है। यही नहीं अधिकारी स्पष्टरूप से ठेकेदारों के साथ खड़े हैं । वे कहते है कि स्टॉप डेम का निर्माण तय अवधि में पूरा नहीं हो पाया है। इसमें निर्माण एजेन्सी का कोई कसूर नहीं है। जबकि ज्यादा मुनाफा पाने के लालच में कई स्टॉप डेम बनवाने का काम अपने हाथों में ले तो लिया, लेकिन कई ठेकेदार अब तक एकाध स्टॉप डेम ही बना पाए हैं, तो कुछ ठेकेदार दो स्टॉप डेम बनाने में सफल हो गए हैं। 22 स्टॉप डेम का काम जब ठेकेदारों ने डेढ़ साल तक शुरू नहीं किया, तब ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री ने उनका निर्माण दूसरे ठेकेदारों से कराने का फैसला लिया। नए सिरे से स्वीकृत इन स्टॉप डेम पर अब तक 1363 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं।  

बुंदेलखंड पैकेज में १४ करोड़ खर्च फिर भी नहीं बन सकें डेम

सागरपिछले तीन वर्षों के दौरान 68 में से 40 स्टॉप डेम अभी भी नहीं बन पाए है। महज 28 स्टॉप डेम ही बन सके हैं। स्टॉप डेम बना कर बहने वाले पानी को रोकने की कोशिश तीन साल बाद भी अधूरी है।

 जबकि पैकेज के 31 करोड़ रुपए फंसे हैं। शेष 40 स्टॉप डेम कब बनेंगे ग्रामीण यांत्रिकी सेवा से जुड़े अफसर बताने की स्थिति में नहीं हैं। लगभग दर्जन भर ठेकेदार  जो निर्माण  जुड़े है उनमें स्वतंत्र ग्रुप नेहानगर, सीबीएस कंस्ट्रक्शन कंपनी, मातोश्री कंस्ट्रक्शन कंपनी, महाराजा एसोसिएट, मनोज सिंघई खुरई, बसंत कुमार मिश्रा, जिनेंद्र कुमार जैन, पवन देव कंस्ट्रक्शन कंपनी, सांवरिया कंस्ट्रक्शन शामिल है। लेकिन इन ठेकेदारों से अफसर से साँठ-गांठ है,इसलिए इनके खिलाफ वे कुछ बोलने से कतराते है। यही नहीं अधिकारी स्पष्टरूप से ठेकेदारों के साथ खड़े हैं । वे कहते है कि स्टॉप डेम का निर्माण तय अवधि में पूरा नहीं हो पाया है। इसमें निर्माण एजेन्सी का कोई कसूर नहीं है। जबकि ज्यादा मुनाफा पाने के लालच में कई स्टॉप डेम बनवाने का काम अपने हाथों में ले तो लिया, लेकिन कई ठेकेदार अब तक एकाध स्टॉप डेम ही बना पाए हैं, तो कुछ ठेकेदार दो स्टॉप डेम बनाने में सफल हो गए हैं। 22 स्टॉप डेम का काम जब ठेकेदारों ने डेढ़ साल तक शुरू नहीं किया, तब ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री ने उनका निर्माण दूसरे ठेकेदारों से कराने का फैसला लिया। नए सिरे से स्वीकृत इन स्टॉप डेम पर अब तक 1363 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं।  

शुक्रवार, 9 नवंबर 2012

पलायन


बुंदेली दुनिया का विमोचन समारोह

संपादक ऐसा हो जो मूल्यों के लिए तैयार रहे  मरने-मिटने

सागर।  प्रभाष जोशी संपादक  नहीं संस्था थे। उनके  जाने के  बाद पत्रकारिता में संपादकीय परंपरा के  गौरवशाली अतीत का भी अवसान हो गया। उन्होंने ऐसे मापदंड स्थापित किए जो उन्हें  महान संपादक की श्रेणी में लाते हैं। संपादक  ऐसा होना चाहिए जो मूल्यों के  लिए मरने-मिटने  तैयार रहे।  इंक  मीडिया स्कूल ऑफ जर्नलिज्म में प्रभाष जोशी की  पुण्य तिथि और बुंदेली दुनिया के  विमोचन समारोह के  दौरान साहित्यकार रमेश दत्त दुबे ने यह बात कही। मुख्य वक्ता प्रो. सुरेश आचार्य, पत्रकार दीनदयाल बिलगैंया ने उए भी अपने विचार व्यक्त किए। प्रो. गोविंद प्रसाद गुप्ता, मनोज शुक्ला, डॉ. अशोक पन्या, प्रभात तिवारी सहित संस्थान के  प्रशिक्षु पत्रकार मौजूद थे। संचालन डॉ. आशीष विवेदी ने किया एवं आभार बुंदेली दुनिया के संपादक  संतोष गौतम ने माना। 

मंगलवार, 6 नवंबर 2012

प्रशिक्षण


मिट्टी से बनी मूर्तियों का प्रशिक्षण

प्रदूषित हो रहे जलस्त्रोतों को बचाने के प्रयास

सागर। अघुलनशील तथा कृत्रिम रंगों से बनी मूर्तियों से प्रदूषित हो रहे जलस्त्रोतों को बचाने के उद्देय से सागर में मूर्ति निर्माण से जुड़े लोगो का मिट्टी से मूर्ति निर्माण कराने संबंधी एक दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ । जिसमें मिट्टी से मूर्ति निर्माण के प्रचलन को बढ़ावा देने पर बल दिया गया ।म0प्र0 जन अभियान परिषद के तत्वाधान में स्थानीय होटल में संपन्न इस एक दिवसीय प्रिाक्षण कार्यक्रम में संभाग के समस्त जिलों में मूर्ति निर्माण कार्य से जुड़े चिन्हांकित व्यक्तियों को बुलाकर मिट्टी से मूर्ति निर्माण का प्रिाक्षण उपलब्ध कराया गया । जिला समन्वयक प्रदीप तिवारी ने बताया कि प्रिाक्षण का मुख्य उद्देय पानी में अघुलनाील तथा कृत्रिम रंगों से बनी मूर्तियों से प्रदूषित हो रहे जल स्त्रातों के प्रति लोगों को सचेत करना था । साथ ही मिट्टी से बनी ईको-फ्रेंडली मूर्तियों के प्रचलन को बढ़ावा देना था । उक्त प्रिाक्षण में भोपाल से आए वरिष्ठ मूर्तिकार अाोक भारद्वाज ने मूर्ति निर्माण में मिट्टी से कौालपूर्वक प्रयोग, रंगीन मिट्टी बनाना एवं मिट्टी से विभिन्न प्रकार की मूर्तियां बनाना सिखाया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विनोद प्रजापति डायरेक्टर माटी कला बोर्ड और  अतिथि के रूप में डा डी.सी.र्मा प्रोफेसर डा हरिसिंह गौर वि0वि0 सागर उपस्थित थे । परिषद के संभाग समन्वयक अमित ााह द्वारा कार्यक्रम के उद्देय से परिचित कराया गया । कार्यक्रम संचालन विकासखंड समन्वयक द्वारका प्रसाद पाठक ने और अंत में आभार   प्रदीप तिवारी ने जताया

लाखा बंजारा झील

यह  है बुंदेलखंड सागर मप्र की ऐतिहासिक  झील
 जिसे  लाखा बंजारा  ने  अपने  लड़का -बहू  का
 बलिदान देकर बनवाया  था ,लेकिन आज पर्यावरण
 प्रदूषण की वजह से यह विरासत संकट से जूझ रही है।