ननि सागर में मचा गालियों के साथ हंगामा
*निगम परिसर में कर्मचारियों
ने फिल्म जैसा दृश्य पैदा किया,
*आयुक्त की सलाह मंहगी पड़ी
लेखापाल को
मनोज शुक्ला
सागर। कुछ क्षणों के लिए सभी स्तब्ध रहे गए मानो ऐसा लग
रहा था जैसे हम सभी किसी हिन्दी फिल्म का एक्शन ड्रामा देख रहे हों। हर तरफ से मां
बहिन की गालियों के स्वर गूंज रहे थे। हर चेहरे पर आक्रोश स्पष्ट झलक रहा था। सभी
ने जैसे ठान लिया था कि आज या तो लेखापाल
रहेगा या वे कर्मचारी रहेंगे। कई बार तो ऐसा लगा कि शोरगुल, गाली गलौच के बीच लेखापाल को लतयाया
जाएगा। लेकिन कुछ मर्यादाओं और कुछ बीच-बचाव की उम्मीदों ने लेखापाल को बचा लिया।
लेकिन जिस तरह फिल्मों घटित होता है ठीक वैसा ही गुरूवार की दोपहर को घटित हो गया।
जिससे साबित हुआ कि विधि के विधान को कोई टाल नहीं सकता है। मारपीट से बचने लेखापाल रामाश्रम भोजनालय खाना खाने चले गए
जहां पर खाना खाने पर विवाद ने उनके साथ वही स्थिति निर्मित कर दी जिसकी वजह से वे
नगर निगम कार्यालय को छोडक़र भागे थे।
रामाश्रम में भोजन करने वाले एक आदमी ने
लेखापाल के साथ जोरशोर से पिटाई की। इस तरह जो इच्छा कर्मचारी पूरी नहीं कर सके थे
वह इच्छा भगवान ने भोजनालय में किसी दूसरे से पूरी करा दी। यह नजारा नगर निगम के
लेखापाल शरद बरसैंया के साथ पूरे परिसर में देखने मिला।
गौरतलब है कि नगर निगम में लेखापाल शरद
बरसैंया के प्रति सभी कर्मचारियों में गुरूवार के दिन जरूरत से ज्यादा आक्रोश
देखने मिला। सभी शाखाओं के कर्मचारी एक स्वर में लेखापाल को हटाने के नारे लगा रहे
थे। निगम के गेट से लेकर लेखापाल के कक्ष तक अभूतपूर्व हंगामा कर्मचारियों ने
किया। आज के दिन कर्मचारियों ने सभी मर्यादाओं को तोडक़र लेखापाल सहित आयुक्त एसबी
सिंह और स्थापना शाखा में पदस्थ दामोदर ठाकुर के खिलाफ अत्याधिक जहर उगला। मामला
यह था कि एक तो निगम के सभी कर्मचारियों को 17 दिन गुजरने के बाद वेतन मिला। वह भी
25 प्रतिशत कम था। इसलिए कर्मचारियों के बीच इस कम राशि को लेकर जबरदस्त आक्रोश
उत्पन्न हो गया। तुरंत फुरंत कर्मचारी संघ के नेता माधव कटारे के साथ सभी ने इस
मसले पर चर्चा की। बाद में सभी लोग एकत्रित होकर बरसैंयां के चेम्बर की ओर बढ़े।
यहां पर जब 3-4 कर्मचारियों ने आक्रोश में आकर बरसैंया को मारने के लिए हाथ तक उठा
लिए। लेकिन कुछ लोगों की समझाईश के बाद मामला शांत हो गया। लेकिन कर्मचारी अंतत:
बरसैंया को हटाने की जिद पर अड़े रहे। बात इतनी बढ़ गई कि बरसैंया बोले कि कागज
लाओ हम अभी इस्तीफा दे देंगे। लेकिन लालच और भ्रष्टाचार में डूबे लेखापाल ने फिर
गिरगिट की तरह रंग बदला और कहने लगे कि यदि माधव भैया और बिल्थरे जी कहेंगे तो हम
इस्तीफा दे देंगे। जबकि माधव कटारे वहीं पर मौजूद थे और उन्होंने स्पष्ट रूप से कह
दिया था कि दैवेभो कर्मचारियों के नियमितीकरण सहित पूरा वेतन दिया जाए। तभी कोई
बात होगी। इसके अलावा कर्मचारी, आयुक्त
एसबी सिंह को बुलाने के लिए लेखापाल से बार-बार गाली-गलौज के सहित बुलाने कहते
रहे। कुछ ही देर बाद आयुक्त नगर निगम में आए उन्होंने हंगामे को देखकर कहा कि
कर्मचारियों में से चार-पांच लोग उनके चेंबर में आकर चर्चा कर लें। लेकिन माधव
कटारे इतने ज्यादा आक्रोश में थे कि वे इस मुद्दे पर आयुक्त के कक्ष में जाने के
इच्छुक नहीं दिखे। हालांकि उन्होंने आयुक्त से सभाकक्ष के बाहर ही स्पष्ट रूप से
कह दिया था कि 263 कर्मचारियों को नियमित किया जाए। बांकी उन्हें कुछ नहीं कहना
है।
उल्लेखनीय है कि नियमितीकरण के लिए एक
कमेटी गठित की गई है। उसमें स्थापना के दामोदर ठाकुर सहित लेखापाल और अन्य लोग तरह
तरह के अड़ंगे लगा रहे हैं। जिससे कर्मचारी प्रतिदिन हताशा का शिकार बन रहे हैं।
फलस्वरूप इसी हताशा ने निगम परिसर में हंगामा खड़ा कर दिया है। एक तरफ कर्मचारी
कहते हैं कि लेखापाल आयुक्त से विवाद कराना चाहता है और अपनी कलम दैवेभो कर्मियों
के मामले में नहीं फंसाना चाहता है। जबकि कुछ कर्मचारी और ठेकेदार आयुक्त के
सलाहकार बने हुए हैं। अयुक्त कर्मचारियों की वजाय ठेकेदारों के इशारों पर कर्मचारी
हितैषी निर्णय ले रहे हैं। यह भी बड़ा ही आपत्तिजनक मामला है। यही नहीं कर्मचारी
संघ के एक गुट ने आयुक्त से चर्चा की। लेकिन बाद में आयुक्त ने एक कर्मचारी से कहा
कि यदि इसी प्रकार का रवैया रहा तो वे नियमितीकरण में कोई भी व्यवधान पैदा कर सकते
हैं। यहां यह बताना जरूरी है कि आयुक्त एसबी सिंह के कार्यकाल में हाईकोर्ट ने 83
दैवेभो कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया था। लेकिन उन्होंने केवल 6-7
कर्मचारियों का पैसे लेकर भला किया। हालांकि जिन्हें नियमित किया गया है वे भी
योग्य नहीं थे। कोर्ट को गुमराह करके उनके पक्ष में संबंधित शाखाओं के प्रभारियों
ने ब्यान दिए थे। जिससे उनका रास्ता साफ हो गया था।
कर्मचारियों में स्थापना प्रभारी
दामोदर ठाकुर के खिलाफ भी आक्रोश था इसलिए माधव कटारे और संघ सदस्यों के बीच
उन्हें बुलाकर नियमितीकरण में बाधक नहीं बनने की चेतावनी दी गई। साथ ही इस शाखा
में पदस्थ एक महिला कर्मी भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के पक्ष में नहीं है। इस
तरह वे भी अपनी टांग अड़ाए हुए हैं। निगम में कर्मचारियों के बीच मतभेद पैदा करने
में आयुक्त भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वे इस हंगामे के लिए लेखापाल के
साथ उतने ही जिम्मेदार हैं जितने की अन्य कर्मचारी क्योंकि करीब 25 लाख से अधिक की
राशि मकान किराया और भत्ता आदि बढऩे से इस बार कर्मचारियों को अधिक वेतन मिलना था।
लेकिन आयुक्त ने भी लेखापाल से सभी कर्मचारियों की 25 प्रतिशत राशि कम भुगतान करने
का मौखिक आदेश दिया। जिससे बिना किसी जानकारी के कम राशि मिलने के बाद कर्मचारियों
ने हंगामा खड़ा कर दिया दूसरी ओर आयुक्त ने सफाई कर्मियों को पूरा वेतन दिलाने
आदेशित किया था। इस तरह निगम में बैठे अधिकारी, कर्मचारी
अपने अपने तरीके से खेल करवा रहे हैं।
कर्मचारियों ने खेल महोत्सव, सभाकक्ष, आयुक्त कक्ष आदि पर खर्च की गई अनाप शनाप राशि पर भी इसी दौरान
आपत्ति दर्ज कराई। उनका कहना था कि इन सब खर्चों की वजह से उन्हें समय से वेतन
नहीं मिला है। इस प्रकार का व्यवहार आयुक्त के खिलाफ जाता है। पूरे परिसर में करीब
करीब दो घंटे तक हंगामा होता रहा। लेकिन महापौर अनीता अहिरवार निगम में झांकी तक
नहीं। प्रतिनिधि करीब सवा पांच बजे तक
परिसर में मौजूद रहा। इस दौरान भी महापौर गायब ही रहीं। जबकि इतना हंगामा होने के
बाद उन्हें अपनी परिषद की खोज-खबर जरूर लेना थी। केवल पूरे मामले के दौरान नरेश
यादव इत्फाक से चक्रेश सिंघई, नईम
खान और कुछ चापलूस कर्मचारी, ठेकेदार
आयुक्त के ईदगिर्द घूमते रहे। यही नहीं एक तरफ नेता प्रतिपक्ष चक्रेश सिंघई, बाहर से तो कर्मचारियों के साथ और निगम
भ्रष्टाचार के खिलाफ दिखते हैं लेकिनवे भी अपनी स्वार्थसिद्धी के लिए आयुक्त के
लिए यह सलाह देने से नहीं चूके कि जब तक हंगामा करने वाले कर्मियों के खिलाफ धारा
353 का उपयोग नहीं करेंगे। तब तक यही होता रहेगा। हालांकि यह सलाह तो उन्होंने बाद
में दी लेकिन शायद कर्मचारियों को पहले से मालूम था कि चक्रेश सिंघई उनके खिलाफ
हैं। इसलिए उनकी गैरमौजूदगी में ही उनके चेंबर को खोलकर गाली देकर सभी ने अपनी
अपनी भड़ास निकाल ली थी।
लेखापाल ने रची साजिश
जब कर्मचारी आक्रोश में आकर उनके चेंबर पहुंचे मारपीट करने उतारू हुए तो
कर्मचारियों ने लेखा शाखा को बंद करके बाहर आने कहा। तब उन्होंने पार्षद नरेश यादव
और एक अन्य कर्मचारी मौजूदगी में शाखा की कुर्सी उठाकर कांच के पार्टीशन पर मारी
फिर दोनों टेबल के कांच उठाकर पटक दिए। जिससे दोनों कांच चकनाचूर हो गए। साथ ही
उन्होंने अपने मोबाइल से कर्मचारियों द्वारा की गई गाली-गलौच की रिकॉर्डिंग की।
साथ ही मीडिया का डर भी दिखाया। इस प्रकार उन्होंने कर्मचारियों के आक्रोश को इस
प्रकार की साजिस रचकर उनके खिलाफ पुलिस का मामला बनवाने का प्रयास किया। इसके बाद
वे नगर निगम छोडक़र बाहर चले गए। कुछ
पार्षदों ने आरोप लगाए हैं कि जो अखबार शहर को लीड कर रहा है उसमें निगम का बचाव
किया जाता है।
एस्सेल का एग्रीमेंट है संदिग्ध
बिजली कर्मचारी 20 जनवरी को
करेंगे विरोध प्रदर्शन
मनोज शुक्ला
सागर। पिछले दिनों शहर संभाग को बिजली
कंपनी एस्सेल के हवाले कर दिया गया है। इस निजीकरण प्रक्रिया की वजह से बिजली
कर्मचारी सहित उनके प्रतिनिधि महासंघ ने पहले तो कोई विरोध दर्ज नहीं कराया। लेकिन
अब वे इस कंपनी की खिलाफत करने के मूड में आ गए हैं। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर
उज्जैन में भी इस कंपनी का लगातार विरोध हो रहा है। लेकिन सरकार बिजली वितरण
कंपनियों के निजीकरण में लगी है। कांग्रेस सरकार ने पहले बिजली बोर्ड के लिए
सरकारी कंपनियों में बदलकर जनता की गाड़ी कमाई को इनके हाथों में सौंप दिया। अब
भाजपा सरकार अपने हितों की खातिर सरकारी कंपनियों को निजी कंपनियों के हाथों में
अरबो रूपए की संपत्ति सौंप रही है। इस प्रकार जनता के धन पर निजी कंपनियां ऐश कर
रही हैं। जबकि इस प्रकार संपत्ति को हवाले करने के बाद भी बिजली कर्मचारियों ने
कोई विरोध नहीं किया। चूंकि बिजली कर्मचारियों में सर्वाधिक नेता भाजपा से जुड़े
अनुसंगी संगठनों से वास्ता रखते हैं। जिसकी वजह से वे कुछ दिनों तक विरोध को लेकर
असमंजस्य में रहे। हालांकि जब भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध बिजली कर्मचारी महासंघ
की नींद खुल चुकी है। इस महासंघ के किशोरी लाल रैकवार ने कंपनी का विरोध करने का
निर्णय ले लिया है। फलस्वरूप जहां पिछले दिनों कांग्रेस के एक नेता ने बिजली कंपनी
के खिलाफ प्रदर्शन किया था वहीं अब भाजपा सरकार के संगठनों से जुड़े लोग भी एस्सेल
का विरोध करने पर उतारू हैं। जिससे लगने लगा है कि कंपनी को निकट भविष्य में वितरण
व्यवस्था पर संकट का सामना करना पड़ेगा। वैसे कंपनी ने शहर संभाग के परिसर पर बहुत
बड़ी राशि खर्च करके कायाकल्प करने की मंशा जाहिर की है। लेकिन परिसर को बदलने से
शहर की बिजली वितरण व्यवस्था दुरूस्त नहीं हो पाएगे। आज भी विद्युत उपभोक्ता बिजली
बिलों में गड़बड़ी, समय वे समय की कटौती को लेकर परेशान
हैं। इसके अलावा उपभोक्ताओं को राहत दिलाने के लिए कंपनी के कर्मचारी, अधिकारी फिलहाल तो उपभोक्ताओं से
ठीक-ठाक व्यवहार कर रहे हैं। यह व्यवहार भी वे मजबूरी के तहत करते हैं। चूंकि
कंपनी के हैंडओवर होते ही विरोध के स्वर फूटने लगे थे। जिससे एस्सेल कंपनी के
प्रबंधन ने रणनीति में ढील बरतना शुरू की है। वैसे कंपनी को जल्दबाजी भी नहीं है
क्योंकि कंपनी के साथ 15 वर्षों का सरकार का करार हुआ है।
इसलिए वे निश्चिंत हैं यदि एक बार उपभोक्ताओं को अपने बस में कर लिया तो फिर 15 वर्षों तक उनका खून चूंस सकते हैं।
ये कैसा गोलमाल!
सरकार में एस्सेल कंपनी के साथ किसी भी
प्रकार का करार नहीं किया है। गौरतलब है कि जब पूर्वी क्षेत्र वितरण कंपनी ने
नीलामी की थी उसके बाद नीलामी में सफल बोलीदारों में स्मार्ट बायरलेस लिमि. कंपनी
के लिए सीएमडी ने पत्र लिखा है। जिससे स्पष्ट है कि एस्सेल कंपनी सफल बोलीदार नहीं
थी। फिर भी जब सागर में नगर संभाग की कमान एस्सेल ने संभाली तब बिजली कंपनियों के
अधिकारियों ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया। इस तरह स्मार्ट वायरलेस लिमि. और एस्सेल
के बीच का गोरखधंधा अभी तक अबूझ पहेली है।
भर्ती में धांधली
एस्सेल बिजली कंपनी विधिवत शहर संभाग
का प्रभार संभालने के काफी पहले से सागर में जमीन हुई थी। उन्होंने इस तरह कंपनी
की जरूरत की हिसाब से कर्मचारियों की चुपचाप भर्ती कर ली। किसी भी प्रकार का
विज्ञापन निकालकर कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की है जो एक प्रकार से शहर के
होनहार लोगों के लिए नुकसानदायक साबित हुआ है। इसी प्रकार कर्मचारियों के विरोध को
शांत करने के लिए बिजली विभाग के कर्मचारियों के नाते-रिश्तेदारों सहित सेवानिवृत
कर्मचारियों को अपनी कंपनी में प्रश्रय दिया है। जिससे कुछ दिनों तक विरोध के स्वर
शांत रहे। हालांकि यह उपाय भी अब निरर्थक साबित होने वाला है। बिजली कर्मचारी
महासंघ कंपनी की जोरदार तरीके से खिलाफत करेगा। ऐसा दावा महासंघ ने किया है।
झूठे हैं एस्सेल के दावे
मनोज शुक्ला
सागर। करीब डेढ़ महिने से मप्र पूर्वी
क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का कामकाज
एस्सेल ग्रुप देख रहा है। लेकिन यह निजी कंपनी शहर के उपभोक्ताओं के बीच अपनी छबि
बनाने के लिए झूठे दावे कर रही है। हालही में कंपनी की ओर से दावा किया गया है कि
बिजली कंपनी ने विद्युत मंडल को तीन करोड़ 77
लाख की वसूली उगाहकर दी है। साथ ही यह भी कहा गया है कि विद्युत मंडल को
उपभोक्ताओं से बिल वसूली में पसीना आ जाता था। यही नहीं तमाम प्रयासों के बाद बिल
वसूली में उन्हें सफलता नहीं मिलती थी। जबकि विद्युत मंडल के अधिकारियों का दावा है कि एस्सेल कंपनी द्वारा वसूला गया राजस्व
कम है। कार्यपालन यंत्री एसके गुप्ता के अनुसार एस्सेल कंपनी के अधिग्रहण से पहले विद्युत मंडल पांच करोड़
का राजस्व प्रतिमाह वसूल कर रही थी। इस तरह देखें तो कंपनी के दावे खोखले साबित हो
रहे हैं। इतना ही नहीं कंपनी की ओर से जारी विज्ञप्ति में विद्युत मंडल पर उल्टे
सीधे आरोप भी लगाए हैं। जिनसे ऐसा लग रहा है कि कंपनी शहर के उपभोक्ताओं को अच्छी
सेवा देने के बजाय सरकारी बिजली कंपनी की साख को बट्टा लगाने आई है। आश्चचर्यजनक
तथ्य यह है कि जो आरोप लगाए गए हैं। उनकी भाषा बड़ी ही असभ्यतापूर्ण है। जिससे
अंदाजा लगता है कि कंपनी में कार्यरत कर्मचारी पढ़े लिखे ही नहीं हैं। इसके अलावा
विज्ञप्ति में यह भी दावा है कि अब अगले महीने से एस्सेल अपने तरीके से वसूली
करेगी। यह कहना भी बड़ा ही हास्यायप्रद लग रहा है क्योंकि वसूली तो नियम अनुसार ही
होगी। इस तरह एक तरफ सरकारी बिजली कंपनी सहित उपभोक्ताओं के मन में भी डर पैदा
किया जा रहा है। जबकि एस्सेल ग्रुप की पालसी में केवल उपभोक्ताओं को अच्छी सेवा ही
नहीं देना है वरन शहर के भीतर मौजूद जनता को सामाजिक, आर्थिक रूप से खड़ा भी करना है। जिससे
उनके जीवन स्तर में बदलाव आ सके और वे अच्छे से जीवन-यापन कर सकें। लेकिन कंपनी
में बैठे अधिकारी कर्मचारी इस लक्ष्य की अनदेखी करने में लगे हैं जो बेहद ही
आश्चर्यजनक है। इतना ही नहीं सरकारी बिजली कंपनी के अधिकारी एस्सेल के अनर्गल
प्रलाप पर अपनी ओर से आपत्ति भी दर्ज नहीं करा रहे हैं। जबकि निजी कंपनी सरकार की
छबि को धूमिल करने में लगी है।
कांग्रेस ने जताया
आक्रोश
जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रेखा
चौधरी ने एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किए जा रहे उपभोक्ताओं के शोषण एवं
मनमानी पर तीखा आक्रोश जताया है। उन्होंने कंपनी को दिए गए ठेके को समाप्त करने की
मांग करते हुए उग्र जन-आंदोलन की चेतावनी दी है। साथ ही उन्होंने कहा है कि
सार्वजनिक क्षेत्र की इस अत्यावश्यक सेवा में बिजली की मंहगी दरों के बाबजूद आम
गरीब व मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं से बिजली बिलों की मनमानी वसूली की जा रही है।
भाजपा, कार्यकर्ता आधारित दल: नरेन्द्र सिंह
सागर। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि देश में अनेक राजनैतिक दल अलग-अलग अपनी-अपनी विचार धाराओ को लेकर काम कर रहे है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ही एक मात्र ऐसा दल है, जो कार्यकत्र्ता आधारित दल है। यह बात उन्होंने प्रदेश भर में चल रहे भाजपा के महाजनसपंर्क अभियान के दौरान सागर में इस अभियान की समीक्षा बैठक में भाजपा कार्यकत्र्ताओं से कहीं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि महाजनसपंर्क अभियान के तहत हमें प्रत्येक गांव, वार्ड, मतदान केन्द्र एवं प्रत्येक मतदाता तक पहुॅचना है और भाजपा का पंचायत स्तर पर सभी मोर्चा प्रकोष्ठों की नियुक्तियां करना है। उन्होंने कहा कि पार्टी में नए लोगों को भी सदस्यता दिलाना है और प्रदेश की भाजपा सरकार की नितियों एवं योजनाओं को भी जन-जन तक पहुचाना है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि मैं ३५ साल से भाजपा का कार्यकत्र्ता हॅूं लेकिन मैंने अभी तक किसी भी राजनैतिक दल का इतना सफल अभियान नहीं देखा जितना भाजपा का महाजनसंपर्क सफल रहा है। भाजपा के संभागीय संगठन मंत्री दिनेश शर्मा ने जिले के २९ मंडलों से आये पार्टी कार्यकत्ताओं से महाजनसपंर्क अभियान की जानकारी ली और समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यह अभियान सफलता की ओर है, शेष बचे दिनों मे भाजपा कार्यकत्र्ता अभियान को सफल बनाने के लिए एकजुट होकर जुट जाए। स्वागत भाषण भाजपा जिला अध्यक्ष जाहर सिंह ने दिया एवं महाजनसंपर्क अभियान का प्रतिवेदन जिला महामंत्री संजय बापट ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन भाजपा जिला महामंत्री लक्ष्मण सिंह एवं आभार भाजपा जिला महामंत्री संजीव दुबे ने माना। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष हरवंश सिंह राठौर, शिवराज सिंह,महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष श्रीमती सरोज सिंह,श्रीमती आशासिंह, गौरव सिरोठिया, मनोज शर्मा, सुरेन्द्र सिंह, जितेन्द्र सिंह, देशराज यादव, , संतोष रोहित उपस्थित थे।
कार्यकर्ताओं से सौजन्य भेंट
सागर। सागर प्रवास पर पधारे भारतीय जनता पार्टी प्रदेश के अध्यक्ष एवं सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर ने विधायक शैलेन्द्र जैन के निवास पर पहुॅंचकर पार्टी कार्यकत्र्ताटों से मुलाकात कर उनसे परिचय प्राप्त किया। पार्टी की गतिविधियों की जानकारी ली। इस अवसर पर सांसद भूपेन्द्र सिंह, संभागीय संगठन मंत्री दिनेश शर्मा, महापौर अनीता अहिरवार उपस्थित थे। अध्यक्ष से भेंट करने वालो में श्याम तिवारी, बंटी शर्मा, संजीव दुबे, प्रदीप राजौरिया, विक्रम सोनी, सौरभ मिश्रा, सहित बढ़ी संख्या में भाजपा कार्यकत्र्ता उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री का जन्म दिन
सुंदरकांड का आयोजन
सागर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जन्म दिवस पर उनके दीर्घ आयु एवं सुखमय जीवन की कामना करते हुऐ भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष श्रीमती सरोज सिंह द्वारा पहलवान बब्बा मंदिर प्रांगण में सुंदरकांड का आयोजन किया और मिष्ठान वितरण किया गया।
इस उपलक्ष्य में केंट बोर्ड उपाध्यक्ष श्रीमती पूनम पटेल, श्रीमती डॉ साबिया खॉन, पार्षद श्रीमती पुष्पा पटेल, श्रीमती सरोज साहू, श्रीमती गीता दक्ष, श्रीमती माला अहिरवार,श्रीमती यशोदा यादव, श्रीमती भगवती जाटव, राधा साहू, श्रीमती पूनम साहू, श्रीमती श्रीमती नीलू अग्रवाल, श्रीमती मीरा चौरसिया, याकृति जडिया, श्रीमती सुधा शर्मा, श्रीमती कमला तेकाम, श्रीमती मंजूलता सेन, दीपिका मालवीय, ताहिरा बी, श्रीमती सुबेदा ठाकुर, रेखा चौरसिया, श्रीमती आशा तिवारी, प्रेमबाई पटेल, जशोदा विश्वकर्मा, ज्योति नामदेव, नत्थी साहू, गेदा साहू, धनवाई रैकवार, अंजुम, प्रभा साहू, कल्पना दुबे, आशा तिवारी, गायत्री सहित अन्य महिलायें उपस्थित थीं।
दीर्घ आयु की कामना
सागर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 55 वें जन्मदिवस पर सिद्वध धाम दादा दरबार मंदिर में हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाकर कर उनकी दीर्घ आयु की कामना की। इस अवसर पर महापौर अनीता हरप्रसाद अहिरवार, अध्यक्ष पं. विनोद तिवारी, पार्षद राज कहादुर सिंह, नरेश यादव, बृज किशोर पुरोहित, वीरेन्द्र पाठक, अ.नईम खान, सतीश जैन, धमेन्द्र गुड्डा खटीक, भगवती जाटव, सुबोध पराशर, ओमप्रकाश दुबे, श्रीमति सविता साहू, श्रीमति गीता दक्ष, श्रीमति माला अहिरवार, श्रीमति किश्वर बी, श्रीमति ममता सिंह, सुश्री याकुति जड़िया एवं परिषद के सदस्य उपस्थित रहे।
नवनियुक्त पदाधिकरियों का स्वागत
नगर निगम सागर महापौर कक्ष में भाजपा के नवनियुक्त पदाधिकरियों पार्षद नरेश यादव, को मार्केटिंग सोसायटी में संचालक, एल्डरमेन याकुति जड़िया को जिलामंत्री पार्षद नईम खान, धमेन्द्र खटीक एवं श्रीमति गीता दक्ष को नगर उपाध्यक्ष एवं श्रीमति सविता जिनेश साहू को डा.हरि सिंह गौर मंडल में महिला मोर्चा नगर अध्यक्ष बनाए जाने पर महापौर कक्ष में महापौर अनीता हरप्रसा अहिरवार एवं अध्यक्ष पं.विनोद तिवारी ने स्वागत किया
मेला लगाकर सिक्कों की कमी दूर करेंगे बैंक
लोकसभा में सांसद भूपेन्द्र सिंह ने उठाया मामला
सागर। लोकसभा में सांसद भूपेन्द्र सिंह के प्रश्न पर वित्तमंत्री ने माना है कि मध्यप्रदेश सहित देश भर में एक और पाँच रूपए मूल्य वर्ग के सिक्कों की कमी है। इस समस्या के निदान हेतु उठाए गए कदमों में बैंकों द्वारा सिक्का-मेला का आयोजन किया जाना शामिल है।
लोकसभा में सांसद भूपेन्द्र सिंह के प्रश्न पर वित्तमंत्री नमो नारायण मीना ने बताया है कि मध्यप्रदेश सहित देश भर से सिक्कों की कमी संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई हैं। यह शिकायतें मुख्यत: एक और पाँच रूपए मूल्य वर्ग के सिक्कों के बारे में हैं। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस समस्या के निदान हेतु उठाए गए कदमों में बैंकों को सलाह दी गई है कि जन सामान्य को सिक्के जारी करने के लिए सिक्का मेला आयोजित करें। वित्त राज्यमंत्री के मुताबिक जिन क्षेत्रों में सिक्कों की कमी की शिकायतें मिली हैं, उन क्षेत्रों की करेंसी चेस्टों को सिक्कों का अधिक विप्रेषण किया गया है। दुकानदारों तथा अन्य व्यापारिक संस्थानों टोल गेट एजेंसियों आदि को उनकी आवश्यकताओं हेतु सिक्कों की उपलब्धता अनुसार निकटतम करेंसी चेस्टों से जोड़ दिया गया है। सिक्के जारी करने के लिए बैंकों को पूंजी सब्सिडी देकर कॉइन वैंडिंग मशीनें स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
एटीएम से जाली नोट
सांसद भूपेन्द्र सिंह के एक अन्य प्रश्न पर वित्त राज्यमंत्री ने बताया है कि जुलाई 2009 से अब तक एटीएम के माध्यम से जाली नोट निकलने की 28 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। ऐसे मामलों में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा की गई कार्रवाई में बैंक से स्पष्टीकरण मांगना, मामले की छानबीन के लिए बैंक को सलाह देना, शाखा का निरीक्षण करना तथा जनता को केवल असली नोट जारी किए जाने के संबंध में बैंकों को अनुदेश जारी करना शामिल है। सभी अनुसूचित बैंकों को अनुदेश दिए गए हैं कि 100 रूपए और इससे ऊपर के मूल्य वर्ग वाले बैंक नोट की प्राथमिकता तथा उपयुक्तता की विधिवत जाँच मशीनों द्वारा किए जाने के बाद ही बैंक द्वारा अपने कांउटरों अथवा एटीएम के जरिए पुन: जारी किए जाएँ। वित्त राज्यमंत्री के मुताबिक बैंकों को यह सलाह दी गई है कि जहाँ-कहीं जाली नोट पकड़े जाते हैं, परन्तु इन्हें जप्त नहीं किया जाता है अथवा इसकी सूचना नहीं दी जाती है, यह माना जाएगा कि संबंधित बैंक जाली नोटों को परिचालित करने में जान बूझकर शामिल है और उन पर दण्डात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
आंगनबाड़ी का किराया
सांसद भूपेन्द्र सिंह के प्रश्न पर महिला और बाल विकास राज्यमंत्री ने बताया है कि आईसीडीएस कार्यक्रम के अन्तर्गत सरकार द्वारा अक्टूबर 2012 से किराए में वृद्धि की गई है। प्रति आंगनबाड़ी केन्द्र संशोधित किराए की दर ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में 750 रूपए तक, शहरी क्षेत्रों में 3 हजार रूपए तक और महानगरों में 5 हजार रूपए प्रतिमाह है। यह किराया खुला स्थान और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दिशा निर्देशों के अनुसार लागू होता है। राज्यमंत्री ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों का भवन निर्माण मनरेगा के साथ कन्वर्जेस से किया जा सकता है। इस संबंध में मनरेगा के साथ आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के संबंधित विभागों की योजना और कार्यान्वयन के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा एक संयुक्त पत्र जारी किया गया है।
बीड़ी मजदूरों को घर बनाने मात्र 35 हजार की मदद
सागर। केन्द्र सरकार गरीब बीड़ी मजदूरों को अपना घर बनाने के लिए मात्र 35 हजार रूपए की सहायता देती है। जबकि मंहगाई के इस दौर में लोहा, सीमेंट, ईट, गिट्टी और रेत की कीमतें आसमान पर हैं। लोकसभा में सांसद भूपेन्द्र सिंह के प्रश्न पर श्रम और रोजगार राज्यमंत्री ने बताया है कि बीड़ी बनाने के कार्य में संलग्र बीड़ी कामगारों अथवा खाता कामगारों को घर बनाने के लिए (उनके अंशदान 5 हजार रूपए सहित) सहायता राशि के रूप में 40 हजार रूपए प्रदान करती है। उसमें भी शर्तें यह हैं कि जो कामगार कम से कम एक वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हों और जिनके पास अपनी खुद की 60 वर्ग गज अथवा 50.16 वर्ग मीटर जमीन हो अथवा उनके पास राज्य सरकार या ग्राम सभा द्वारा आवंटित जमीन हो और जिनकी मासिक पारिवारिक आय 6500 रूपए से अधिक न हो।
राज्यमंत्री ने बताया कि यह योजना श्रम कल्याण महानिदेशालय के माध्यम से श्रम कल्याण संगठनों के कल्याण आयुक्तों द्वारा 1 अप्रैल 2007 से क्रियान्वित की गई है। कामगारों द्वारा प्रति कामगार 5 हजार रूपए जमा करने के पश्चात्, प्रशासनिक अनुमोदन प्राप्त होने पर अग्रिम राशि के रूप में 20 हजार रूपए की पहली किश्त निर्गत की जाती है। जब कार्य का 50 प्रतिशत (छत का स्तर) पूरा होने की रिपोर्ट प्राप्त होती है तब कामगार के अंशदान 5हजार रूपए सहित 20 हजार की दूसरी किश्त वितरित की जाती है ताकि कामगार हर प्रकार से निर्माण कार्य पूरा कर सके। राज्यमंत्री ने सांसद भूपेन्द्र सिंह को बताया कि मध्यप्रदेश सहित देश के 16 राज्यों में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के बीड़ी कामगारों के लिए यह योजना क्रियान्वित है। इस योजना के तहत मध्यप्रदेश में वर्ष 2009-10 से 2011-12 की अवधि में 6011 आवास निर्मित किए गए हैं।
श्रमिकों का शोषण
एक अन्य प्रश्न पर श्रम और रोजगार राज्यमंत्री ने सांसद भूपेन्द्र सिंह को बताया कि विगत तीन वर्षों और चालू वर्ष के दौरान मध्यप्रदेश में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा श्रमिकों के उत्पीडऩ / शोषण की 10 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जिनकी जाँच कर कदाचार के दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
छावनी परिषद की शिकायतें
सांसद भूपेन्द्र सिंह के प्रश्न पर रक्षा मंत्री ने बताया कि सागर छावनी परिषद् के अधिकारियों के विरूद्ध समय-समय पर शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जिनमें विकासात्मक कार्यों की धीमी प्रगति, सडक़ों की खराब स्थिति, वित्तीय अनियमितताओं, अदालती मामलों में वृद्धि जिनकी वजह से अधिक व्यय होता है, बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अक्षमता आदि के संबंध में आरोप लगाए गए हैं। रक्षा मंत्री ने बताया कि इन शिकायतों की संबंधित क्षेत्र कार्यालयों के परामर्श से जांच की जाती है और समय-समय पर इनका निराकरण किया जाता है ।
खुरई-भोपाल रोड वायपास मार्ग का शीघ्र होगा जीर्णोद्धार
विधान सभा में की विधायक ने मांग
सागर। विधायक शैलेन्द्र जैन द्वारा म.प्र. विधान सभा के बजट सत्र के दौरान खुरई-भोपाल रोड वायपास मार्ग के संबंध में प्रश्न उठाते हुए लो.नि.वि. के मंत्री नागेन्द्र सिंह से मांग करते हुए कहा कि एन.एच.26 एवं एन.एच.86 को जोड़ने वाला खुरई-भोपाल रोड वायपास मार्ग अत्यंत जीर्ण र्शीर्ण अवस्था में है और उस मार्ग की हालत अत्यंत जर्जर हो चुकी है और उस सड़क पर बढ़ते यातायात के दबाव को देखते हुए अतिषीध्र उसका जीर्णोद्धार कराया जाना चाहिए। उत्तर में लो.नि.वि. मंत्री नागेन्द्र सिंह ने विधायक जैन को आश्वस्त करते हुए कहा कि अविलंब इस सड़क का जीर्णोद्धार कार्य प्रारंभ कराया जावेगा। इसके अतिरिक्त विधायक ने मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री से म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल के कर्मचारियों की सेवा निवृत्ति की आयु सीमा 58 वर्ष से 60 वर्ष करने की मांग की। जिसमें उन्होने कहा कि म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल के विद्यटन के बाद राज्य में पांच विद्युत कम्पनीयॉं बनायी गई है जिनमें से तीन कम्पनियों में कर्मचारियों की सेवा निवृत्ति आयु सीमा 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी गई है परन्तु षेष दो कम्पनियों म.प्र. पावर ट्रांसमिषन कम्पनी एवं म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी में कार्यरत म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल के कर्मचारियों की सेवा निवृत्ति आयु को नहीं बढ़ाया गया था। उस पर मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री ने गहन विचार करते हुए इन दो कम्पनियों को भी सेवा निवृत्ति की आयु सीमा 58 से 60 वर्ष करने के आदेश दिये है। जिनका क्रियान्वयन अतिषीघ्र किया जावेगा।
बजट में मध्यप्रदेश के साथ अन्याय: सांसद
सागर। सांसद भूपेन्द्र सिंह ने आज लोकसभा में प्रस्तुत आम बजट को निराशाजनक एवं दिशाहीन बताते हुए कहा कि बजट में मध्यप्रदेश के साथ अन्याय किया गया है। सांसद भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि संसद में प्रस्तुत बजट में नया कुछ भी नहीं है। श्री सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश को प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ परियोजना के फेस-2 में सम्मिलित नहीं किया गया। बजट में बुन्देलखंड पैकेज की न तो अवधि बढ़ाई गई और न ही राशि दी गई है। बुन्देलखंड की महत्वपूर्ण केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को भी बजट में शामिल नहीं किया गया। सांसद श्री सिंह ने कहा है कि बजट में कृषि, सिंचाई और युवाओं के बारे में भी कोई योजना नहीं है। बुन्देलखंड के बीड़ी उद्योग को पुर्नजीवित करने के लिए भी कोई योजना बजट में नहीं है। बुन्देलखंड के औद्योगिक विकास के लिए करों में छूट का प्रावधान नहीं किया गया। आम आदमी को राहत देने के बजाय बजट में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिससे देश में मंहगाई और बढ़ेगी।
कुपोषण मुक्ति के प्रसास
कमिश्नर न कराया कुपोषित बच्चों को पोषणयुक्त भोजन
एक दिन भोजन से नहीं मिटेगा कुपोषण
सागर।सागर संभाग के आयुक्त आर.के.माथुर ने समाज में कुपोषण से मुक्ति की जागरूकता के लिये विगत 9 मई 2012 को एक अभिवन प्रयास की शुरूआत की थी, जो अभी भी बदस्तूर जारी है । इसी कडी में कमिश्नर ने को संभाग के विभिन्न जिलों के चिन्हित कुपोषित बच्चों को सागर में अपने घर में बुलाकर पोषणयुक्त भोजन कराया ।उन्होंने कहा कि एक दिन भोजन से नहीं मिटेगा कुपोषण इसके लिए समाज के अन्य समर्थ लोग भी यह संकल्प लेंगे कि उनके आस पास उपलब्ध कुपोषित बच्चों को वे कैसे पोषणयुक्त व समर्थ बनायें ।
कमिश्नर निवास पर संपन्न कुपोषण बच्चों को पोषणयुक्त भोजन कराने के आयोजन में कमिश्नर माथुर व कलेक्टर योगेन्द्र शर्मा ने अपने हाथों से बच्चों को भोजन कराया । इस दौरान उन्होंने बच्चों के अभिभावकों को कुपोषण मुक्ति की योजनाओं का लाभ उठाने प्रेरित किया । साथ ही बच्चों के माता-पिता को कुपोषित बच्चों की देखभाल के संबंध में विभागीय अधिकारियों से मार्गदर्शन दिलाया । इस आयोजन के दौरान कमिश्नर ने कुपोषण मुक्ति की इस पहल के उद्देश्य को समझाया। गत माह के आयोजन में जिला पंचायत सागर के सभापति सहित समस्त सदस्यों ने यहां आकर सहभागिता निभाई है और यह संकल्प भी लिया है किवे समाज से कुपोषण मिटाने के लिये प्रसास करेगें । उन्होंने कहा आज भी सागर के एक गणमान्य नागरिक गुन्जन शुक्ला ने कुपोषित बच्चों को गर्म कपड़े व कम्बल उपलब्ध कराये है । इसी तरह एक एडवोकेट राकेश स्थापक ने भी बच्चों को कपड़े उपलब्ध कराये है । समाज के इन सभी लोगों का कुपोषण मुक्ति के दिशा में सहयोग मिल रहा है और लगातार लोग अभियान से जुड रहे है।
कलेक्टर ने कहा कि वे भी कुपोषण मुक्ति के लिये आयोजन शुरू करेगे और अपने अधीन सभी एस.डी.एम. व सी.ई.ओ. को प्रेरित करेगे कि वे भी कुपोषण युक्ति की दिशा में कारगर पहल करें ।आयोजन अवसर पर सागर, दमोह व टीकमगढ़ जिले से चिन्हित 17 बच्चों और उनके अभिभावको को पोषणयुक्त भोजन कराया गया । इसके साथ ही शासन की बेटी बचाओ अभियान के अंतर्गत पांच दम्पत्ति को जिनके पास केवल एक बेटी (संतान) है उन्हें कमिश्नर, कलेक्टर व अन्य अधिकारियों ने शाल उढाकर व श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया । एक बेटी वाले सम्मानित दम्पत्तियों में सागर जिले के शनीचरी वार्ड निवासी सीमा-अरूण मुडोतिया, लाजपतपुरा के अनीसा-रफीक, पुरव्याउ के गंगा-लक्ष्मीनारायण सेन, पंतनगर सागर के अनीता-सुरेश पटैल और दमोह के भारती-देवेन्द्र ठाकुर दम्पत्ति शामिल है जिन्हें सम्मानित किया गया । इसी क्रम में केवल दो बेटियों वाले एक दम्पत्ति शनीचरी सागर निवासी फिरदोस-सिराज अहमद को भी सम्मानित किया गया । कमिश्नर ने कुपोषित बच्चों को उनके घर रबाना करते समय महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदत्त प्रोटीनेक्स पाउडर का डिब्बा और पोषणयुक्त लड्डुओं का पैकेट देकर विदा किया ।
प्रभावी क्रियान्वयन हो लाडो अभियान का
सागर । कलेक्टर योगेन्द्र शर्मा ने सभी विभागों के अधिकारियों की नियमित बैठक लेकर समय सीमा निर्धारित पत्रों पर की गई कार्यवाही की समीक्षा करते है । साथ ही शासन की प्राथमिकता के विषयों संबंधी आवष्यक दिषा निर्देष देते है । इसी क्रम में संपन्न टी.एल. बैठक में कलेक्टर ने आवष्यक दिषा निर्देष दिये ।
स्थानीय कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संपन्न बैठक में कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी को हिदायत दी कि शासन के लाडो अभियान की कार्ययोजना अविलम्ब बनाये । इस योजना में किसी भी कन्या का बाल विवाह ना हो इस पर पूरी निगरानी रखी जाये । जिले में सर्वप्रथम ऐसे संभावित क्षेत्रों को चिन्हित कर लें और वहां जागरूकता के लिये गोष्ठी, नुक्कड नाटक और समझाइष परामर्ष दें । इसके साथ ही आगामी अक्षय तृतीया के दिन जब बहुतायत में विवाह होते है उस दिन संबंधित क्षेत्र के एस.डी.एम. के निर्देषन में सभी संबंधित विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों की ड्यूटी लगाकर बाल विवाह रोके जाने का कार्य पूरी सख्ती से किया जाये ।
कलेक्टर ने आर.ई.एस. विभाग के कार्यपालन यंत्री को निर्देषित किया कि जिले में लोक सेवा गारन्टी केन्द्र भवनों में आवष्यक मरम्मत कार्य शीघ्र कराया जाये । आपने समस्त एस.डी.एम. और जनपद सी.ई.ओ. एवं सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों को ताकीद किया कि वे वृद्ध माता-पिता को सहारा नहीं देने वाली संतानों के विरूद्ध भरण पोषण अधिनियम के तहत कारगर कार्यवाही करें । कलेक्टर ने ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए पेयजल संकट से निपटने के संबंध में समस्त नगरीय निकायों, जनपदों और पी.एच.ई. विभाग को कार्ययोजना बनाकर तत्काल प्रस्तुत करने के निर्देष दिये । उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को जिले के समस्त विकासखंड मुख्यालय में चिकित्सा षिविर आयोजित कराने के निर्देष दिये ।कलेक्टर ने सभी विभागीय अधिकारियों को ताकीद किया कि उनके विभाग अंतर्गत जितनी भी हितग्राहीमूलक योजनायें हैं उनमें एक भी पात्र हितग्राही लाभ लेने से वंचित नहीं रहे । इस हेतु सभी लम्बित आवेदनों पर कार्यवाही करते हुए 31 मार्च तक निराकरण सुनिष्चित करने के निर्देष दिये ।
कलेक्टर ने लगाई जपं सीईओ को फटकार
सागर। जनपद पंचायत सागर की साधारण सभा की बैठक 27 फरवरी को आयोजित की गई। जिसमें जनपद सीईओ श्री जीएस टेकाम की कार्यशैली से जनपद सदस्य सहमत नहीं हुये और जनपद सदस्यों ने शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में जनपद सीईओ की मनमानी से नाराज होकर बहिष्कार किया।
बहिष्कार के बाद सभी सदस्य कलेक्टर योगेन्द्र शर्मा से मिलने गए और उन्होंने समस्त सदस्यों की भावनाओं को समझा और उन्होंने जनपद सीईओ श्री टेकाम को कलेक्टर कार्यालय में बुलवाकर समझाइश दी और कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि की भावनाओं, शासन की योजनाओं को क्रियान्वित करने का दायित्व जनपद का है और इसके निर्वहन में जो भी बाधाएं आएंगी उन्हें हम तत्काल दूर कर देंगे। बाधा करने वाले अधिकारी भी अब दंडित किये जाएंगे।
जनपद सदस्यों ने चर्चा में कलेक्टर को बताया कि अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा वंदना सिंह को पूर्व में जनपद से जिला पंचायत कार्यालय में अटैच किया गया था। लेकिन चार दिन बाद ही गुपचुप तरीके से उनकी वापसी हो गई। इसके संबंध में जनपद सदस्यों को न तो कोई जानकारी दी गई न सहमति ली गई। इसी तरह शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी सीईओ द्वारा जनपद अध्यक्ष और अन्य सदस्यों को नहीं दी जाती। सदस्यों ने कलेक्टरों को बताया कि बैठक मेें सीईओ और सहायक यंत्री मनरेगा के कार्यों की सूची उपलब्ध नहीं कराते। जानकारी मांगने पर अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी वंदना सिंह, उपयंत्री सपना चढ़ार और प्रवीण सराफ द्वारा जनपद सदस्यों के साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया जाता है।
कलेक्टर श्री शर्मा ने जनपद अध्यक्ष और सदस्यों की बात एक घंटे तक विस्तार पूर्वक सुनी। वास्तविक स्थिति समझने के बाद कलेक्टर श्री शर्मा ने सीईओ को बुलाकर जमकर फटकार लगाई। उन्होंने सीईओ को हिदायत दी कि एक सप्ताह में सभी योजनाओं की जानकारी एक फोल्डर के रूप में पंचायत वार जनपद सदस्यों को दी जाए अन्यथा उनपर सख्त कार्यवाही की जायेगी।
कलेक्टर से मिलने के बाद जनपद अध्यक्ष और सदस्य संतुष्ट नजर आए। जनपद सदस्य प्रमोद यादव ने बताया कि कलेक्टर ने जनपद अध्यक्ष और सदस्यों की समस्याओं को गौर से सुना और निराकरण किया। इसके लिए हम सभी सदस्य उनके आभारी हैं। कलेक्टर से चर्चा करने वालों में जनपद अध्यक्ष श्रीमती सविता पृथ्वी सिंह, जनपद सदस्य निर्मल कुमार जैन, प्रमोद यादव, शीलरानी भगवानदास, जितेन्द्र कोरी, झलकन सिंह, पूनम देवी, लक्ष्मी, रमेश कुमार, द्वारका प्रसाद शर्मा, रेखा गौतम, गुबर्धन आदिवासी आदि शामिल हैं।
पेयजल सप्लाई बंद होगी
सागर।नगर निगम आयुक्त सूर्यभान सिंह ने कार्य पालन यंत्री गृह निर्माण मंडल सागर को बल्क सप्लाई नल कनेक्शन की जलकर की बकाया राशि 37 लाख 9 हजार 710 रू. तीन दिवस में जमा करने हेतु अंतिम पत्र भेजा है। बकाया राशि जमा न करने की स्थिति में बगैर किसी सूचना क ेजल सप्लाई कनेक्शन विच्छेद कर दिया जाएगा। आयुक्त ने पत्र में लेख किया है कि गृह निर्माण मंडल को नगर पालिक निगम सागर द्वारा जलप्रदाय किया जाता है दिनांक 1 फरवरी 2013 तक प्रदाय किए गए जलकर की राशि 37 लाख 9 हजार 710 रू. बकाया है। बकाया राशि के भुगतान हेतु बार बार पत्रों द्वारा एवं व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर अनुरोध किया गया है परंतु आपके द्वारा जलकर राशि का भुगतान नहीं किया गया है। अतः जलकर की बकाया राशि का भुगतान 3 दिवस के अंदर नगर निगम सागर को जमा करें बकाया राशि जमा न करने पर बगैर किसी सूचना के कनेक्शन विच्छेद कर दिया जाएगा एवं बकाया जलकर की राशि की वसूली नगर निगम अधिनियम 1956 की धारा 175 से 178 तक के प्रावधान अनुसार कुर्की द्वारा वसूली की जावेगी। जिससे उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति का उत्तरदायित्व गृह निर्माण मंडल का होगा। निगमायुक्त ने इसकी सूचना कलेक्टर सागर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, उपायुक्त गृह निर्माण मंडल भोपाल, नरयावली विधायक, सरपंच ग्राम पंचायत मकरोनिया को दे दी है।
लायसेंस न बनवाने पर होगी कार्यवाही
सागर। नगर निगम सीमा क्षेत्र में खाद्य सामग्री विक्रय करने वाले एवं खाद्य सामग्र्री के निर्माताओं को 10 मार्च तक अनिवार्य रूप से नगर निगम अधिनियम 1956 की धारा 427;24द्ध के तहत खाद्य लायसेंस बनवाना आवश्यक है। खाद्य लायसेंस न होने की स्थिति में निगम प्रशासन द्वारा न्यायालयीन कार्यवाही की जावेगी। खाद्य सामग्री विक्रेता एवं निर्माता जिनमें चाय पान की दुकान, होटल, भोजनालय, बिस्किट, नमकीन विक्रय करने वाले खाद्य सामग्री विक्रय पार्लर, दूध विक्रेता, बेकरी, मिठाई, नमकीन, विक्रय करने एवं निर्माण करने वाले, चाट वाले, आईक्रीम विक्रेता एवं निर्माता, जनरल स्टोर पर खाद्य सामग्री विक्रय करने वालेां को खाद्य लायसेंस, बनवाना अनिवार्य है। 10 मार्च के बाद जिन खाद्य विक्रेता एवं निर्माताओं के द्वारा लायसेंस नहीं बनवाया जाएगा उनके विरूद्ध नगर निगम अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी।
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