शुक्रवार, 14 दिसंबर 2012

राजनीति



सांसद ने उठाया दुर्घटनाओं का मामला

रिफायनरी के कामगारों को प्रशिक्षण की सिफारिश

सागर।  बीना स्थित भारत ओमान रिफायनरी में हुई दुर्घटनाओं की जाँच के लिए बहु-संकाय सदस्य समिति गठित की गई थी, जिसने रिफायनरी कामगारों को प्रशिक्षण दिए जाने की सिफारिश की है। लोकसभा में यह जानकारी सांसद भूपेन्द्र सिंह के प्रश्न पर पेट्रोलियम राज्यमंत्री ने दी है। 
सांसद भूपेन्द्र सिंह ने लोकसभा में प्रश्न कर जानना चाहा कि वर्ष 2006 में भारत-ओमान रिफायनरी के निर्माण कार्य के शुरू से लेकर अब तक उन्नीस दुर्घटनाओं में से प्रत्येक की जाँच करने के लिए गठित बहु-संकाय सदस्य समिति द्वारा की गई सिफारिशों का ब्यौरा क्या है? जबाव में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री श्रीमती पी. लक्ष्मी ने बताया है कि बहु-संकाय समिति इस निष्कर्ष पर पहुँची है कि बीओआरएल में दुर्घटनाओं का मुख्य कारण इन दुर्घटनाओं में शामिल संबंधित व्यक्तियों द्वारा निर्धारित सुरक्षा प्रक्रियाओं का अनुपालन नहीं किया जाना था। समिति ने कामगारों को सुरक्षित कार्य प्रक्रियाएँ, उपकरणों का सही प्रयोग तथा निजी सुरक्षा संबंधी उपकरणों का प्रयोग करने संबंधी प्रशिक्षण देने की सिफारिश की है। 
राज्यमंत्री ने भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन से प्राप्त सूचना का उल्लेख कर बताया कि बीओआरएल के कामगारों को नियमित अंतराल पर सुरक्षा प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अतिरिक्त, दिन में कार्य आरंभ करने से पहले बीओआरएल के सुरक्षा अधिकारियों द्वारा टूल बाक्स संबंधी व्याख्यान दिए जाते हैं और ऐसा ही ठेकेदार के पर्यवेक्षक द्वारा ठेका कामगारों के लिए किया जाता है। राज्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश और केन्द्र के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किए गए संयुक्त निरीक्षण में बीना रिफायनरी में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई है। रिफायनरी द्वारा खरीदी गई मोबाइल वैन में वायु गुणवत्ता पर निगरानी रखने की सुविधा है। जिसके द्वारा सीमावर्ती गाँवों में वायु की गुणवत्ता की नियमित रूप से निगरानी की जाती है और इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई है। 





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